Voice Of The People

देखिए प्रवासी मजदूरों की वापसी के बाद क्या है गांव का माहौल? प्रदीप भंडारी के साथ

लॉकडाउन में अपनी यात्रा को आगे बढ़ाते हुए जन की बात के सीईओ और फाउंडर प्रदीप भंडारी पहुंचे फिरोजाबाद जिले के नगला तुलसी गांव में।
जन की बात की टीम का गांव की तरफ रुख करने का प्रमुख उद्देश्य था कि आखिर जाना जाए कि गांव में मजदूरोंं के पहुंचने के बाद गांव की क्या स्थिति है? और उन्हें कहां क्वॉरेंटाइन रखा जा रहा है? और गांव में क्या माहौल है?

उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद जिले के नगला तुलसी गांव में जन की बात की टीम पहुंचने पर वहां पर गांव में चौपाल में बैठे कुछ लोगों से बातचीत करी। गांव के लोगों ने बताया कि वह लॉकडाउन का पूरा समर्थन कर रहे है। और सरकार के द्वारा खेती में दी जाने वाली छूट से काफी सहूलियत मिली है। आगे गांव के लोगों ने बताया कि सरकार के द्वारा गरीब लोगों को फ्री में राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। लोग खेतों पर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ मास्क का भी प्रयोग कर रहे है।

ग्रामीणों ने जन की बात की टीम को बताया कि शहर से आने वाले मजदूरों को टूंडला के पास स्कूल में क्वॉरेंटाइन किया गया  है जहां पर उनके खाने-पीने आदि की व्यवस्था है। महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों ने सरकार द्वारा शराब के ठेके फिर से खोलने के फैसले को गलत बताया।

प्रदीप टेक

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के नगला तुलसी गांव में लोग लॉकडाउन से संतुष्ट है, लेकिन शराब की ठेकों को खोलने के फैसले को गलत बता रहे है। प्रवासी मजदूरों को गांव आने से पहले ही 14 दिन के क्वॉरेंटाइन के लिए भेज दिया जाता है।

SHARE
Sombir Sharma
Sombir Sharmahttp://jankibaat.com
Sombir Sharma - Journalist

Must Read

Latest