कैराना उप चुनाव राजनैतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण चुनाव हो गया है। मोदी सरकार के 4 साल पूरे हो चुके हैं, उत्तर प्रदेश के कैराना में उप चुनाव सरकार द्वारा किये गए कामों की परीक्षा जैसा है। देश भर राजनीति विश्लेषक इस चुनाव पर नजरें टिकाएं हुए है। कैराना में 28 अप्रैल को उप चुनाव विवादास्पद स्थित में सम्पन्न हुए। एवीएम/वीवीपैट मशीनों की खराबी सबसे बड़ा मुद्दा रहा।
जन की बात की टीम अपने फाउंडर सीईओ प्रदीप भंडारी के साथ चुनाव कवर करने शामली विधानसभा क्षेत्र में पहुँची। शामली विधानसभा क्षेत्र के बूथ नंबर 38 – बालिका इंटर कॉलेज पर पहुंचने पर पता चला कि यहां ईवीएम मशीने काम नहीं कर रही हैं। 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान में वोटर मशीनें सही होने का इंतजार कर रहे हैं।लाइन में लगे वोटरों हमारी टीम को बताया कि यहां पर ईवीएम मशीने काम नहीं कर रही है। ज़्यादातर वोटर गर्मी की वजह से परेशान होकर अपने घर बिना वोट डाले ही चले गए।
आपको बता दें कि कैराना में जातीय ध्रुवीकरण कर राजनैतिक पार्टियां चुनाव परिणाम को अपने पाले में करना चाहती हैं। चुनावी मैदान में बीजेपी से मृगांका सिंह मैदान में हैं जो कि पूर्व दिवंगत सांसद हुकुम सिंह की बेटी हैं। वहीं साझा विपक्ष की उम्मीदवार तबस्सुम बेगम उन्हें कड़ी चुनैती दे रहीं हैं।
चुनाव आयोग के इस ढुलमुल रवैये के खिलाफ दोनो प्रत्याशियों ने शिकायत की थी। जिसके बाद इन बूथों पर पुनः मतदान आज 30 अप्रैल को हो रहा है। जनकारी के मुताबिक दोपहर 2 बजे तक कैराना लोकसभा क्षेत्र के 73 बूथों पर 53 प्रतिशत वोटिंग हुई है।