नितेश दूबे, जन की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से आह्वान किया था की 5 अप्रैल को रात 9 बजे मिनट तक घर की सारी लाइट्स को बंद करके दीपक, टोर्च या मोमबत्ती जलाकर कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से लड़ रहे हैं लड़ाकों के साथ खड़े रहे। प्रधानमंत्री के इस आह्वान पर पूरा देश एकजुट दिखाई दे रहा है। प्रधानमंत्री के आह्वान को जन की बात के फाउंडर एंड सीईओ प्रदीप भंडारी ने विश्लेषण किया और बताया कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी पूरे दुनिया में भारत का नाम रोशन कर रहे हैं।
पीएम मुश्किल वक़्त में पॉज़िटिव रहते हैं
प्रदीप भंडारी ने कहा कि प्रधानमंत्री मुश्किल वक्त में भी पॉजिटिव रहते हैं और देश को पॉजिटिव रखते हैं। पहले प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन का ट्रायल जनता कर्फ्यू के माध्यम से दर्शाया था। पीएम ने मन की बात में भी जो भी शख्स कोरोना के खिलाफ लड़ रहे हैं उनकी तारीफ की थी और उनको धन्यवाद कहा था।
प्रदीप भंडारी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने मन की बात के दौरान देश के गरीबों की भी बात की थी कि कैसे उनको कठिनाई हो रही है, उनको कैसे साथ रखना है। यानी ये जाहिर होता है कि प्रधानमंत्री को वास्तविक स्थिति का अंदाजा रहता है और वह सबको साथ लेकर चलने की कोशिश करते हैं। कब- किस वक्त देश की शक्ति को साथ लाना है ये प्रधानमंत्री को बखूबी पता है।
बिना जनता के साथ नहीं जीत सकते
प्रदीप भंडारी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ जो लड़ाई है उसमें अगर आप विश्व के साथ देखेंगे तो हिंदुस्तान काफी आगे खड़ा है। पीएम अच्छी तरीके से जानते हैं कि यह लड़ाई सरकार और प्रशासन के साथ नहीं बल्कि जनता के सहयोग से जीती जा सकती हैं। पीएम इस 21 दिन के दौरान देश की जनता को साथ लाने का काम कर रहे हैं। पीएम के ऐलान का मुख्य मकसद देश की 130 करोड़ जनता को एक साथ लाना है। पीएम मोदी ने इसीलिए कहा था कि इमोशनल डिस्टेंस मत रखिए लेकिन सोशल डिस्टेंस रखिए। प्रदीप भंडारी ने कहा कि पीएम यह संदेश देना चाह रहे हैं कि आदमी घर के अंदर जरूर अकेला है लेकिन वह दूसरे देशवासी के साथ खड़ा है और देश एक है।