नितेश दूबे,जन की बात
सुप्रीम कोर्ट ने माइग्रेंट वर्कर्स को लेकर के सरकारों को नया दिशा निर्देश जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मजदूरों को सुरक्षित वापस भेजने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। साथ ही उनके स्वास्थ्य का ख्याल भी रखा जाए और उन्हें भोजन-पानी भी सरकार मुहैया कराए । आपको बता दें कि लॉक डाउन के दौरान ऐसी कई तस्वीरें आई थी जिसमें मजदूर पैदल ही अपने घर की ओर रवाना हो गए थे। जिसके बाद उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। इस दौरान कई बसें भी हादसों का शिकार हुई थी। जिसमें कई मजदूरों की मौत भी हुई थी।
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट में प्रवासी मजदूरों को लेकर 28 मई को सुनवाई थी। इस दौरान सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों से कहा कि मजदूरों को वापस भेजने की जिम्मेदारी आपकी है। साथ ही मजदूरों को ट्रांसपोर्टेशन और खाने की सुविधाओं की भी जिम्मेदारी राज्य सरकार की ही है। मजदूरों को खानों की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आपको बता दें कि पिछले हफ्ते ही मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने मजदूरों की दशा पर खुद संज्ञान लिया था और सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस भेजकर 28 मई तक जवाब मांगा था। आपको बता दें कि सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल और सॉलीसीटर जनरल में बहस भी हुई। केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल सरकार का पक्ष रख रहे थे। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट का रुख प्रवासी मजदूरों को लेकर के काफी सख्त रहा। सुप्रीम कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि मजदूरों के भेजने की और उनके खाना पानी की सुविधा राज्य सरकार देखेगी।
केंद्र ने कोर्ट से कहा
आपको बता दें की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र ने कोर्ट से कहा कि केंद्र अब तक 91 लाख प्रवासियों को उनके गृह जनपद भेज चुका है। इसमें से 80% लोग बिहार और उत्तर प्रदेश से हैं।