अक्सर अपने देश के अंदर अलग-अलग स्थानों के नामकरण की खबरें सुनी होंगी है। देश में रेलवे स्टेशन सड़क व शहरों के नामों को बदलने का लगातार सिलसिलेवार तरीके से काम चल रहा हैं। वहीं अब एक ऐसी खबर सामने आ रही है जहां देश के नाम को ही बदलने की बात चल रही है।
जी हां सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई गई है। दिल्ली के रहने वाले नमह नाम के शख्स ने यह याचिका लगाई है। उसका कहना है कि देश का अंग्रेजी नाम ‘इंडिया’ से बदलकर ‘भारत’ कर देना चाहिए। नमह ने संविधान के अनुच्छेद 1 में बदलाव की मांग की है जिसमें देश को अंग्रेजी में INDIA और हिंदी में भारत नाम दिया गया था।
आपको बता दें कि, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे की गैर-मौजूदगी में जस्टिस एएस बोपन्ना याचिका पर सुनवाई करेंगे। जिसके अंदर भारत के नाम को बदलने की याचिका पर सुनवाई की जाएगी आपको बता दें कि याचिकाकर्ता ने यह याचिका देश के हिंदी और अंग्रेजी में नाम के आधार पर लगाई है।
याचिकाकर्ता के अनुसार भारत का एक ही नाम होना चाहिए इस समय अंग्रेजी में इंडिया और हिंदी में भारत से देश का नाम लिया जाता है। याचिकाकर्ता का सुप्रीम कोर्ट से यह कहना है कि देश की अखंडता को देखते हुए देश का नाम एक ही होना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता ने बताया कि, मोदी जी खुद भी कहते हैं ‘एक आवाज, एक देश’
याचिकाकर्ता ने आगे बोलते हुए कहा कि, “इंडिया के कई नाम हैं जैसे रिपब्लिक ऑफ इंडिया, भारत, इंडिया, भारत गणराज्य वगैरह। अलग कागज पर अलग नाम है। आधार कार्ड पर ‘भारत सरकार’ लिखा है, ड्राइविंग लाइसेंस पर ‘यूनियन ऑफ इंडिया, पासपोर्ट्स पर ‘रिपब्लिक ऑफ इंडिया’, इससे कन्फ्यूजन होती है। यह एकता का समय है। हर एक को देश का नाम पता होना चाहिए। नाम एक ही होना चाहिए।
आखिर संविधान में कहा और किस अनुच्छेद में लिखा है देश का नाम
संविधान के अनुच्छेद 1 में देश के नाम को लेकर संक्षिप्त में विवरण किया गया है। साथ ही कुछ नियम भी वह उसका उल्लेख भी किया गया है जो कि इस प्रकार है।
1. संघ का नाम और उसका क्षेत्र
i. India जो कि भारत है, वह राज्यों का एक संघ होगा
ii. पहले शेड्यूल में राज्य और क्षेत्र निर्धारित किए जाएंगे
iii. India के क्षेत्र में शामिल होंगे
इसके बाद भारत के राज्यों का विवरण है।