भारतीय जनता पार्टी ने 7 जून को वर्चुअल रैली की शुरुआत की। भारतीय जनता पार्टी ने इसकी शुरुआत बिहार राज्य से की जहां पर गृह मंत्री अमित शाह ने वर्चुअल रैली को संबोधित किया। लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी ने कोरोना काल के दौरान वर्चुअल रैली क्यों की? बीजेपी ने इसकी शुरुआत बिहार से ही क्यों की? इसके राजनीतिक मायने क्या है क्योंकि बिहार में 4 महीने बाद चुनाव है। भारतीय जनता पार्टी इस रैली से क्या संदेश देना चाहती है? इन सब बातों का विश्लेषण जन की बात के फाउंडर एंड सीईओ प्रदीप भंडारी ने किया।
आइए आपको बताते हैं कि उन्होंने इन सभी प्रश्नों का क्या उत्तर दिया?-
जनसंवाद का बेहतर तरीका
जन की बात के फाउंडर एंड सीईओ प्रदीप भंडारी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अन्य पार्टियों से कैडर के मामले में कहीं आगे है। जब 2014 में लोकसभा चुनाव हो रहे थे उस वक्त ही भारतीय जनता पार्टी ने 3D रैली के माध्यम से नरेंद्र मोदी के जनसंवाद कार्यक्रम को आयोजित किया था। इसी तरह कोरोना काल के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने वर्चुअल रैली का आयोजन किया। इस दौरान प्रदीप भंडारी ने कहा कि जनता का विश्वास जीतने के लिए उनसे जनसंवाद हमेशा बनाए रखना पड़ता है। इसी कारण भारतीय जनता पार्टी ने वर्चुअल रैली का आयोजन किया।
जब देश में सीएए पर दो ओपिनियन बन रहे थे तब बीजेपी देश में जनता के बीच गई और उसने सीएए के फायदे और सीएए क्यों देश के लिए जरूरी है इसको बताया और इसी कारण देश में आज अधिकतर लोग सीएए के पक्ष में है।
माइग्रेंट मजदूर से संवाद
आपको बता दें कि कोरोना काल से सबसे अधिक परेशानी माइग्रेंट मजदूर को हुई और देश में सबसे अधिक माइग्रेंट मजदूर बिहार राज्य से हैं। इस तरह से कोरोना के दौरान बीजेपी ने बिहार के माइग्रेंट से संवाद करने की कोशिश की और उनको सरकार की उपलब्धियां बताई। इसके साथ ही उन्होंने यह भी माना कि कई क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है। साथ ही यह बताया कि सरकार ने उनके लिए क्या किया?आपको बता दें कि बिहार में भी 72 हजार से अधिक बूथ हैं और बीजेपी ने सभी बूथ पर वर्चुअल रैली का आयोजन करके जनसंवाद किया।
आपको बता दें कि बिहार में 4 महीने बाद ही चुनाव हैं इसको लेकर के बीजेपी ने अपनी स्थिति स्पष्ट की। इस दौरान बीजेपी ने पब्लिक पॉलिसी के लिए क्या निर्णय किया इस पर भी बताया। साथ ही साथ तेजस्वी यादव पर तंज भी कसा। अमित शाह ने तेजस्वी यादव का बिना नाम लिए निशाना साधा और कहा कि जो लोग दिल्ली में बैठकर आराम करते हैं वह बिहार की जनता का ख्याल क्या रखेंगे। इसके साथ ही अमित शाह ने एक बात और क्लियर कर दी कि बिहार चुनाव नीतीश कुमार के ही नेतृत्व में बीजेपी लड़ेगी।
प्रदीप टेक
आपको बता दें कि इन रैलियों के माध्यम से प्रदीप भंडारी ने तीन अहम बातों को बताया।
उन्होंने कहा कि डिजिटल कैंपेन फिजिकल कैंपेन से अधिक प्रभावशाली तो नहीं है लेकिन हां लगातार जनसंवाद करने के लिए कोरोना काल में डिजिटल कैंपेन जरूरी है।
उन्होंने दूसरी बात बताई कि बीजेपी पब्लिक से लगातार कांटेक्ट में बनी रहना चाहती है इसलिए वर्चुअल रैली का आयोजन जरूरी था।
इसके साथ अमित शाह ने एक बात और क्लियर कर दी कि बिहार चुनाव में बीजेपी दो तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाएगी और नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे। यानी कि उन्होंने तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया कि बीजेपी चुनाव अकेले लड़ेगी। उन्होंने साफ कहा कि बीजेपी बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेगी।