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विदेश मंत्री एस जयशंकर की चीनी विदेश मंत्री को दू-टूक, जानिए क्या कहा

 

15 और 16 जून को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच संघर्ष में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए लेकिन चाइना के भी 43 सैनिक मारे जाने और घायल होने की खबर आई। साथ ही अमेरिकी खुफिया विभाग ने माना कि चाइना के एक अधिकारी समेत 35 सैनिक इस भिड़ंत में ढेर हुए। इसके बाद दोनों देशों में तनाव भरा माहौल है। यहां तक कि यूएन ने भी कहा है कि भारत और चीन अपने आपसी मतभेद को शांति से बैठ कर सुलझाए। लेकिन एक बार फिर चीन ने भारत की पर छुरा गोपा और प्लान के तहत भारतीय सैनिकों पर हमला किया। जब भारतीय सेना ने मुंह तोड़ जवाब दिया उसके बाद चाइना शांति का राग अलापने लगा और कहने लगा कि हम तो शांति चाहते हैं। लेकिन भारतीय सेना ने पहले ही 15 जून को घुसपैठ की। इन सब मुद्दों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री से बात की।

*एस जयशंकर ने चेताया*

आपको बता दें कि भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इन सभी मुद्दों पर और चीन द्वारा भारत की पीठ में छुरा भोंकने पर चीन के विदेश मंत्री से बात की। आपको बता दें कि इस दौरान एस जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री से पूरे मामले पर कड़ा विरोध जताया और कहा कि जो कुछ भी गलवान वैली में हुआ यह सब चाइना का पहले से किया गया प्लान था। जो भी हरकतें हुई है उन सब का जिम्मेदार चाइना है। सिर्फ यही नहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह भी कहा कि 6 जून को ही तय हुआ था कि पूरे मामले को जिम्मेदार तरीके से सुलझाया जाएगा। लेकिन चाइना ने गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाया और जो कुछ भी हुआ इन सब का जिम्मेदार चाइना है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चाइना के विदेश मंत्री से फोन पर बात की और उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि सब का जिम्मेदार चाइना है।

पीएम ने कहा-

इस पूरे मुद्दे पर और भारतीय सैनिकों के शहीद होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने भी एक संदेश जारी किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीय सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। जरूरत पड़ी तो इसका जवाब भी दिया जाएगा। भारत कभी किसी से मतभेद नहीं चाहता लेकिन भारत अपनी संप्रभुता,एकता और अखंडता से कभी समझौता नहीं करेगा। जब भी ऐसा वक्त आया है तब भारत ने शक्ति प्रदर्शन का भी इस्तेमाल किया है। भारत हर संभव कदम उठाएगा लेकिन भारत अपनी अखंडता और संप्रभुता को बरकरार रखेगा।

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