दीपांशु सिंह, जन की बात
चीन की नापाक हरकतों के कारण विवाद दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। साथ ही भारत और चीन के बीच एलएसी में झड़प लगातार जारी है। इसकी शुरुआत सोमवार की देर रात घटना से हुई है जब चीन की सेना के द्वारा भारतीयों जवानों पर हमला किया गया था। अब सवाल ये उठता है कि आखिर चीन क्यों लगातार अलग अलग मोर्चों से भारत के सामने विवाद जैसी स्थति को सामने लाने में लगा हुआ है ।
अगर देखा जाए तो चीन कोरोना को लेकर वैसे ही विश्व में अलग थलग पड़ा हुआ है । वहीं चाइना इस मुद्दे से दूसरे देशों का ध्यान भटकाते हुए वो चाहता है कि युद्ध की परिस्थिति को दिखाते हुए वो इस बात को फिर अंतर्राष्ट्रीय मंच में रख सके। साथ ही दूसरे देशों का ध्यान भटका सके।
गलवान घाटी की स्तिथि –
अगर देखा जाए तो गालवान घाटी जो पूरी तरीके से हिंदुस्तान का हिस्सा है। यहीं पर बीते सोमवार को घटना घटी थी। बीते कई दिनों से दौलतबेग ओलडी के के क्षेत्र में भारतीय सेना ब्रिज और सड़क का काम बढ़ाते हुए आगे बढ़ रही थी ।
इसी तरह दरबुग से लेकर दौलटबेग ओल्डी तक 323 कि.मी. लम्बी सड़क है, इसी सड़क से ही भारत की सेना को जो भी समान लेकर जाना होता है वो इसी रास्ते से लेकर जाती है।
ये हिस्सा पूरे तरीके से हिन्दुस्तान की सीमा के अंदर आता है लेकिन भारत के बढ़ते हुए कदम को देखते हुए चीन को यह कहां मंजूर था। इसलिए उसने अपनी सेना को यहां भेज दिया जिसे लेकर बीते दिन पहले दोनों ही देशों के उच्च अधिकारियों के बीच बैठक भी हुई थी।
जिसमे यह निष्कर्ष निकल कर आया था कि दोनो ही देशों के जवान सीमा से पिछे होंगे ।
लेकिन जैसें ही चीन की सेना को पीछे आना था वैसे ही उसने भारत की सेना पर आक्रामक रूप दिखा दिया। ये क्षेत्र पी पी 14 का क्षेत्र है। भारत की सेना पर हमला भी कर दिया तो इससे जाहिर होता है कि पहली शुरुआत चीन की सेना ने ही किया था।
वहीं सेटेलाइट के जरिए ये भी देखा गया है कि चीन के द्वारा अपनी सीमा को पार करते हुए चीन भारत की सीमा में भी घुसकर सड़क बनाने की कोशिश कर रहा था।