जन की बात के फाउंडर एंड सीईओ प्रदीप भंडारी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर पत्रकार-स्कॉलर उदय माहुरकर से विशेष बातचीत की। इस दौरान प्रदीप भंडारी ने सावरकर और गांधी जी से जुड़े हुए कई तथ्यों के बारे में पूछा जिस पर उन्होंने बेबाकी से अपनी राय रखी। आइए आपको दिखाते हैं बातचीत के कुछ विशेष अंश:-
सबसे पहले जन की बात के फाउंडर प्रदीप भंडारी ने पूछा कि क्या अब नई राष्ट्रीय सुरक्षा नीति सावरकर के अनुसार बनानी चाहिए?
इस प्रश्न का उत्तर देते हुए उदय माहुरकर ने कहा जब हम पीछे इंडिया के फ्रीडम मूवमेंट के बारे में बात करें तो उस समय की सबसे सच्चे हिस्टोरियन आर.सी. मजूमदार हैं।जब आप उनको पढ़ेंगे तो पाएंगे कि कांग्रेस का मुस्लिम तुष्टिकरण गांधी जी के द्वारा ही शुरू किया गया था। गांधी जी को लगता था कि मुस्लिम मुख्यधारा में शामिल होकर इंडिपेंडेंस मूवमेंट में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। इसके लिए उन्हें कुछ विशेष सुविधाएं दी जाएं और बाद में यही कारण बंटवारे का आधार भी बना।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब 1937 में सावरकर जेल से छूट कर बाहर आए और पॉलिटिक्स ज्वाइन करने की सोची तो सुभाष चंद्र बोस और कई नेताओं ने कहा कि सावरकर तुम कांग्रेस ज्वाइन कर लो। इस पर सावरकर ने कहा कि कांग्रेस ने मुस्लिम तुष्टिकरण हिन्दुओं के अधिकारों को दबाकर किया है। इसलिए मैं कांग्रेस नहीं ज्वाइन करूंगा।
प्रदीप भंडारी ने पूछा कि 70 के दशक में जो मोराजी देसाई ने पाकिस्तान के स्पाई नेटवर्क के आरोपों के कारण किया उसके लिए आप पूरी गांधीयन आइडियोलॉजी को क्यों जिम्मेदार ठहरा रहा है?
इस प्रश्न का उत्तर देते हुए माहुरकर ने कहा कि भारतीय इंडिपेंडेंस के बाद तिब्बत पर चीन ने नियंत्रण कर लिया। बाद में जब यूएस और अन्य देशों ने भारत को सेक्योरटी काउंसिल में परमानेंट सीट ऑफर किया तब नहीं लिया।1954 में जब नेहरू ने पंचशील समझौता किया तब सावरकर ने कहा कि अगर हम चीन से हलके अंदाज में बात करेंगे तो वह हमारे लिए घातक बनेगा और 1962 में सत्य साबित हुआ।
इसके साथ ही प्रदीप भंडारी ने पूछा आपने आर्टिकल लिखा था कि गांधी आईडियोलॉजी हिंदू मुस्लिम एकता एक टूल बन चुका है जिससे हम देश की मजोरिटी कम्युनिटी को दोष दे सके। ऐसा क्यों?
इस प्रश्न पर उदय माहुरकर ने जवाब देते हुए कहा कि मैंने इसके संबंध में कहा कि हिंदू मुस्लिम यूनिटी आइडियोलॉजी तब खतरनाक है जब ये हिंदू अधिकारों के ऊपर बनी हुई हो। क्योंकि मैं सच्चे सेक्युलरिज्म को मानता हूं ना कि फर्जी सेक्युलरिज्म को। और शाहीन बाग में जो हो रहा है वह फर्जी सेक्युलरिज्म है।
उन्होंने कहा कि जो अल्पसंख्यक मंत्रालय है मोदी सरकार के अंदर इसने यूपीए से अच्छा काम किया है। लेकिन कट्टर इस्लामिक लोगों ने मुस्लिम समाज को इसकी प्रशंसा नहीं करने दी।
यही नहीं प्रदीप भंडारी ने काफी तीखे सवाल भी किए जिसका उदय माहुरकर ने बड़ी बेबाकी से जवाब दिया।
पूरा इंटरव्यू देखने के लिए वीडियो लिंक पर क्लिक करें:-
INDIA'S NATIONAL SECURITY : GANDHI, BOSE &SAVARKAR – UDAY MAHURKAR CONVERSATION https://t.co/Inv46DWZYN
— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी) (@pradip103) July 1, 2020