अमन वर्मा (जन की बात)
वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन से तनाव के बीच रक्षा मंत्रालय ने नए रक्षा खरीद जिसमें 33 नए लड़ाकू विमान और मिसाइल प्रणाली समेत अत्याधुनिक हथियारों के लिए 38,900 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।
इस खरीद से भारतीय सेना की क्षमता नई ऊंचाई को छू लेगी, साथ हीं ये जंग की स्तिथी में भारत की सेना को और मजबूती मिलेगी। हिंदुस्तान एयरोॉटिक्स लिमिटेड से 12 सुखोई-30, एमकेआई लड़ाकू विमान और रूस से 21 मिग-29 लड़ाकू विमान खरीदे जाएंगे।
इसके साथ हीं 59 पुराने मिग-29 लड़ाकू विमानों को आधुनिक हथियारों से लैस किया जाएगा, और डीआरडीओ से 1000 किलोमीटर तक ज़मीन से जमीन तक मारक क्षमता वालीं क्रूज मिसाइल, हवा से हवा में मार करने वाली 248 अस्त्र मिसाइल और पिनाक मिसाइल प्रणाली की खरीद को भी मंजूरी मिल गई है।
ये मिसाइलें नौसेना और वायुसेना को और भी ज़्यादा ताकत प्रदान करेंगी। इसके अलावा मंत्रालय ने गोला बारूद, सेना के लिए नए आधुनिक सॉफ्टवेयर और युद्ध के लिए वाहनों की खरीद को भी मंजूरी दे दी है। फ्रांस से आने वाली राफेल विमान भी 17 जुलाई तक भारतीय वायुसेना के जंगी बेड़े में शामिल हो जाएंगे।
क्या है अस्त्र और पिनाक मिसाइल?
अस्त्र मिसाइल ध्वनि की गति से 4.5 गुना तेज मारक क्षमता वाली ये मिसाइल हवा से हवा में वार करने में माहिर है। ये सुपर सोनिक मिसाइल रात में में भी हमला कर सकतीं हैं।
पिनाक मिसाइल कारगिल युद्ध से हिंदेश कनजांगी बेड़े में शामिल है। ये मिसाइल सिस्टम 44 सेकंड में 12 मिसाइल दागने की क्षमता रखता है।
आत्मनिर्भर भारत के सपने का भी रखा गया है ध्यान
आपको बता दें कि इस पूरे रक्षा खरीद में आत्मनिर्भर भारत का पूरा ख्याल रखा गया है। 30,900 करोड़ की खरीद में 31,130 करोड़ रुपए की खरीद भारत के हिंदुस्तान एयरोॉटिकलस और डीआरडीओ से कि गई है, जिसमें कई लघु और मध्यम उद्योग भी शामिल हैं।