विकास दुबे के एंकाउंटर पर जन की बात के फाउंडर एंड सीईओ प्रदीप भंडारी ने अपना एनालिसिस दिया। इसमें उन्होंने कहा कि विकास दुबे का एनकाउंटर में मारा जाना सही है। अगर हम पुलिस की बात माने तो वह गाड़ी से उतरकर भागने की कोशिश कर रहा था जिसके बाद पुलिस उसे आत्मसमर्पण करने को कहती है। लेकिन वह नहीं मानता और पुलिस उसका एनकाउंटर कर देती है। जिसमें उसकी मौत हो जाती है। लेकिन प्रदीप भंडारी ने कई सवाल उठाए उन्होंने कहा कि विकास दुबे को सिस्टम में पीछे से समर्थन देने वाले कब बेनकाब होंगे।
प्रदीप भंडारी ने कहा कि विकास दुबे सिस्टम के द्वारा बनाया गया एक माफिया था और सिस्टम हमेशा ही ऐसे माफियाओं को खड़ा करते आया है। चाहे मुख्तार अंसारी हो ,राजा भैया हो, अतीक अहमद हो या फिर विकास दुबे।
विकास दुबे के पीछे सिस्टम में मौजूद आस्तीन के सांपों को पकड़ना है बेहद जरूरी, उसी से शहीद हुए पुलिस वालों को सम्पूर्ण शहादत मिलेगी@pradip103#PradeepAnalysis#VikasDubeyEncounter pic.twitter.com/H4B9ak5Fm7
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) July 10, 2020
प्रदीप भंडारी ने पूछा कि विकास दुबे की एक डायरी की बात हो रही है जिसमें उसके बड़े उद्योगपतियों के साथ, राजनेताओं के साथ, अधिकारियों के साथ लिंक थे। जिन्होंने इसको आगे बढ़ाया। क्या इसका भी खुलासा होगा विकास दुबे के मारे जाने के बाद ? या फिर ये सब इन्वेस्टिगेशन बंद हो जाएगी? प्रदीप भंडारी ने कहा कि विकास दुबे को पीछे से समर्थन करने वालों को बेनकाब करना चाहिए और यह काम मुख्यमंत्री को खुद निर्देश देना चाहिए। क्योंकि अगर यह नहीं होता है तो फिर सिस्टम में और विकास दुबे आ जाएंगे। प्रदीप भंडारी ने कहा कि शायद यह पहली घटना होगी जिसमें इतनी बड़ी संख्या में पुलिस वालों को एक अपराधी मार देता है। इसलिए उसके प्रति जीरो सहानुभूति है लेकिन इसके पीछे के लोगों को भी पकड़ना चाहिए।
प्रदीप भंडारी ने कहा कि सरकार को एक इंक्वायरी बैठानी चाहिए ताकि इस एनकाउंटर की सच्चाई पता चले कि एनकाउंटर फर्जी नहीं था। वरना पीआईएल लॉबी विकास दुबे को शहीद बताएगी और उसे एक हीरो के तौर पर पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इंक्वायरी जल्द से जल्द बैठानी चाहिए। क्योंकि इस मामले को राजनीतिकरण करने की भी कोशिश की जा रही है। कांग्रेस ने ऐसा करना शुरू कर दिया है, कांग्रेस इस मामले को ब्राह्मण वर्सेस ठाकुर बताकर पेश कर रही है।