सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या केमिस्ट्री सुलझने का नाम नहीं ले रही है। आए दिन हो रहे नए खुलासे इस मामले को और भी अधिक पेचीदा बनाते जा रहे हैं। जांच का दायरा बढ़ाते हुए मुंबई पुलिस अब तक 50 से अधिक लोगों का बयान दर्ज कर चुकी है। वहीं बिहार पुलिस भी इस मामले में अपने तहकीकात जारी रखे हुए हैं।
इसी बीच सुशांत सिंह आत्महत्या मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है। बिहार सरकार की तरफ से वरिष्ठ एडवोकेट मुकुल रोहतगी, सुशांत सिंह राजपूत के पिता की तरफ से वरिष्ठ एडवोकेट विकास सिंह और महाराष्ट्र सरकार की तरफ से वरिष्ठ एडवोकेट आर बसंत ने पक्ष रखा।
सुशांत के पिता के वकील विकास ने कहा- मुंबई पुलिस सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर रही है। जांच के लिए गए अधिकारियों को क्वरानटीन कर दिया जा रहा। बिहार सरकार की तरफ से सीनियर एडवोकेट मुकुल रस्तोगी ने कहा कि, अगले हफ्ते मामले की सुनवाई की जाए, तब तक कोई भी किसी के लिए समस्या पैदा ना करे। इसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने कहा- इस बात का फैसला कोर्ट करेगी।
जबकि महाराष्ट्र सरकार की तरफ वहां मौजूद एडवोकेट बसंत ने कहा- मुंबई में जांच का अधिकार पटना पुलिस को नहीं है।
आगे विकास सिंह ने कहा-सीआरपीसी 174 कानूनी प्रावधान के तहत कार्यवाही 24 घंटे के तहत पूरी होने का प्रावधान है, पर मुंबई पुलिस अभी तक मुंबई फिल्म इंडस्ट्री के लोगों से ही पूछताछ में लगी हुई है। जो गवाह हैं, वे हैदराबाद, पटना में हैं, इससे वक्त लग रहा है। इसलिए मुंबई पुलिस को निर्देश दिया जाए कि वे पटना पुलिस के साथ को-ऑपरेट करे।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हम दो एजेंसी को एक ही काम करने के लिए निर्देश नहीं दे सकते। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 24 घंटे तक मामला दायर करने का अहम वक्त गुजर गया है।