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कूपर अस्पताल के डॉक्टर भी पूरे मामले में संदिग्ध हैं।: मुंबई से प्रदीप एनालिसिस

सुशांत सिंह राजपूत मामले में 8 दन नए खुलासे हो रहे हैं इसी बीच जन की बात के फाउंडर एंड सीईओ प्रदीप भंडारी ने एक और खुलासा किया और उसके बाद उस पर अपना एनालिसिस किया सुशांत के फ्लैट ओनर सिद्धार्थ पठानी दीपेश सावन नीरज को सीबीआई डीआरडीओ वाले गेस्ट हाउस में बुलाई और वहां पर उन सब से पूछताछ करनी शुरू कर दी सीबीआई ने कांट्रडिक्शन फाइंडिंग स्ट्रेटजी को अपनाया और सबको एक साथ एक सामने बैठाया और पूछताछ शुरू किया जब तीनों ने जवाब देना शुरू हुआ तो सब के जवाब में विरोधाभास दिखा। इसके बाद क्या चक्रवर्ती को भी इन तीनों के सामने लाया जाएगा और सब का बयान लिया जाएगा अगर सिद्धार्थ पठानी और यह चक्रवर्ती के बयानों में भी विरोधाभास दिखा और कौन फ्रेंड नहीं दिखे तो सीबीआई अपनी पावर का इस्तेमाल करते हुए 302 के अंदर एफआईआर दर्ज करेगी। सीबीआई एफआईआर दर्ज करने के बाद सीबीआई सुसाइड की थ्योरी को खारिज कर देगी क्योंकि सब के बयानों में कांट्रडिक्शन आया है।

डॉक्टरों के बयान

कांट्रडिक्शन ढूंढने के बाद सीबीआई डॉक्टरों के बयान भी ले लेगी क्योंकि डॉक्टर ने पोस्टमार्टम को रात में जल्दी से कर दिया था और बाद में उसमें से एक डॉक्टर ने बताया था कि मुंबई पुलिस ने उन्हें पोस्टमार्टम जल्दी करने के लिए कहा था। सबसे बड़ी बात सीबीआई पता करेगी कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डेथ टाइमिंग क्यों नहीं बताई गई है।

आपको बता दें कि इन सब चीजों से तीन बातें उभर कर सामने आती हैं। पहली बात यह कि सीबीआई कांट्रडिक्शन फाइंड करने की कोशिश कर कर रही है ताकि एफ आई आर दर्ज किया जा सके।

दूसरी बात यह है कि डॉक्टरों से इस बात का सच निकलवाना चाह रही है कि क्यों मुंबई पुलिस ने जल्दी पोस्टमार्टम करने के लिए कहा और डेथ टाइमिंग क्यों नहीं मेंशन की गई।

तीसरी बात यह है कि दीपेश सावंत जो इस मामले में अब तक सबसे अधिक संदिग्ध व्यक्ति हैं उनसे क्या निकलवाया जा सकता है। इसके बाद सीबीआई दिशा सालयान से जुड़े हुए लोगों से भी पूछताछ कर सकती है।

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