कल राज्यसभा में मोदी सरकार ने ध्वनिमत से कृषि बिल पारित करा लिया। लेकिन अब बिल के खिलाफ प्रदर्शन बढ़ता ही जा रहा है। आपको बता दें कि कल विपक्ष के कुछ सांसदों ने सदन के अंदर उपसभापति से दुर्व्यवहार किया था और उनकी माइक को भी तोड़ दिया था। साथ ही साथ जनरल सेक्रेटरी के टेबल को भी तहस-नहस कर दिया था। इससे देश में आक्रोश बढ़ा था और लोग लगातार इन सांसदों के खिलाफ कार्यवाही की मांग कर रहे थे। आज राज्यसभा के चेयरमैन एम वेंकैया नायडू ने कहा कि “कल जो कुछ भी सदन में हुआ वह स्वीकार नहीं है और यह सदन की गरिमा पर आघात है। इसके साथ-साथ उन्होंने आठ सांसदों पर कार्यवाही करते हुए उन्हें 1 हफ्ते के लिए निलंबित कर दिया। इन सांसदों में तीन सांसद कांग्रेस के हैं , टीएमसी के दो सांसद, सीपीआईएम के 2 सांसद और एक सांसद आम आदमी पार्टी के हैं।
सभापति ने कार्यवाही डेरेक ओ’ब्रायन, संजय सिंह, राजीव सातव, के.के रागेश, रिपुन बोरा, डोला सेन, सैयद नजीर हुसैन और एलामरम करीम के खिलाफ की है। इसके साथ ही राज्यसभा के सभापति ने उपसभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया। इसके साथ ही निलंबित सांसदों ने सदन में आज भी हंगामा किया जिसके बाद सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित हो गई। आपको बता दें कि निलंबन के विरोध में विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने आज संसद में गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया और कहा कि यह बिल किसान विरोधी है। सभी सांसदों ने प्लेकार्ड लेकर गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया।
किसानों का प्रदर्शन
आपको बता दें कि लगातार कृषि बिल के बारे में विरोध के स्वर बढ़ते जा रहे हैं। हालांकि सरकार लगातार यह संदेश दे रही है कि एमएसपी को नहीं हटाया जा रहा है। इस बिल से किसानों को फायदा होगा और किसान को जहां पर भी मुनाफा मिलेगा वहां पर अपनी उपज को बेच सकेगा। लेकिन आज समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने यूपी के हर तहसील पर प्रदर्शन किया। लेकिन खास बात यह रही कि वेस्टर्न यूपी में किसान भी प्रदर्शन करने के लिए आगे आए और उन्होंने भी प्रदर्शन किया और इस बिल को वापस लेने की मांग की।