इस वक्त पूरे देश में हैदराबाद के नगर निगम चुनाव छाए हुए हैं। बीजेपी ने काफ़ी तगड़ा प्रचार करते हुए हैदराबाद के नगर निगम चुनाव को राष्ट्रीय चुनाव की तरह बना दिया। बीजेपी की ओर से खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ,बीजेपी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनाव प्रचार की कमान संभाली। जन की बात के संस्थापक और फाउंडर प्रदीप भंडारी ने हैदराबाद नगर निगम चुनाव का एग्जिट पोल प्रस्तुत किया है। जन की बात देश की इकलौती ऐसी राष्ट्रीय सर्वे टीम है जिसने हैदराबाद निगम चुनाव का एग्जिट पोल दिया है।
आपको बता दें कि जन की बात के एग्जिट पोल के अनुसार हैदराबाद नगर निगम चुनाव में टीआरएस 74 सीट ला सकती है। अगर कुछ ज्यादा बदलाव होता है तो टीआरएस 3 सीट और अधिक ला सकती है, जबकि 7 सीटों का उसे नुकसान भी हो सकता है। यानी कुल मिलाकर हम कहे तो टीआरएस 67 से 77 सीटों के बीच ला सकती है। वहीं पर अगर हम टीआरएस के वोट शेयर की बात करें तो यह 37.4% के आसपास रह सकता है।
जन की बात के एग्जिट पोल के अनुसार बीजेपी नगर निगम चुनाव में 31 सीट ला सकती है। अगर कुछ बदलाव होता है तो बीजेपी 42 सीट तक जा सकती है और कम से कम बीजेपी 24 सीट पर आ सकती है। यानी कि बीजेपी 24 से 42 सीटों के बीच हैदराबाद नगर निगम चुनाव के बीच लाएगी। सबसे अप्रत्याशित बात इस बार बीजेपी के वोट शेयर में देखने को मिल सकता है। बीजेपी का वोट शेयर बढ़कर 33.3% तक पहुंच सकता है जो कि टीआरएस से सिर्फ 4% कम है।
JAN KI BAAT EXIT POLL WARD WISE ANALYSIS
A close contest between TRS and BJP in wards where the turnout was between 45% and 48%#GHMCElection2020 #PradeepHyderabadPoll @pradip103 pic.twitter.com/MorgUHY6l6— Jan Ki Baat (@jankibaat1) December 3, 2020
वहीं पर हम असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एमआईएम की बात करें तो एमआईएम 40 सीट ला सकती है। एमआईएम सबसे अधिक 43 सीट तक जा सकती है या फिर कम से कम 39 सीट एमआईएम के खाते में आएंगी। यानी कुल मिलाकर एमआईएम 39 सीट से 43 सीट के बीच लाएगी। वहीं पर अगर हम एमआईएम के वोट शेयर की बात करें तो यह 21% के आसपास रहने की संभावना है।
वहीं पर अगर हम अन्य की बात करें तो अन्य अधिकतम 5 सीट प्राप्त कर सकती हैं,जबकि इनका वोट शेयर करीब 3.8% रह सकता है। जबकि अगर कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस का वोट शेयर 4.2% रह सकता है और सीटें भी 5 के अंदर ही रह सकती है। यानी कि अन्य की सीटों में कांग्रेस भी शामिल है।
जन की बात के फाउंडर एंड सीईओ प्रदीप भंडारी के अनुसार अगर हम इस चुनाव का विश्लेषण करें तो इससे चार बड़ी चीजें निकल कर सामने आती हैं।
पहली बात टीआरएस इकलौती सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। बीजेपी ने अपने लिए रास्ते बना लिए हैं। एमआईएम अपनी मजबूत सीटों को बरकरार रखने में कामयाब होगी। जबकि कांग्रेस तमिलनाडु की राजनीति में खत्म होने के कगार पर है।