उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्मंत्री कल्याण सिंह जी के देहांत के बाद पूरे देश में एक शोक की लहर है। देश के सभी बड़े नेताओं ने चाहे वे विपक्षी दल के ही क्यों ना हो ,शोक प्रकट किया और स्वर्गीय कल्याण सिंह जी को श्रद्धांजलि प्रकट की। देश की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर तारिक मंसूर ने भी कल्याण सिंह जी के देहांत पर शोक प्रकट किया। कल्याण सिंह जी के देहांत पर शोक प्रकट करते हुए तारिक मंसूर जी ने कहा कि “मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं की वो कल्याण सिंह जी के परिवार को ये दुःख सहने की शक्ति दे।”
लेकिन उनका ये बयान यूनिवर्सिटी के कुछ उपद्रवी छात्रों को ना भाया। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों ने तारिक मंसूर के इस बयान की निन्दा करते हुए पोस्टर छपवाया और उस पर लिखा “बाबरी मस्जिद को गिराने में कल्याण सिंह मुख्य दोषी थे, उन्हे इस तरह से संवेदना प्रकट करना युनिवर्सिटी की परंपरा के विरुद्ध है, हम इसकी निंदा करते हैं।” यह पोस्टर युनिवर्सिटी परिसर में लगाया गया। इस पोस्टर और वक्तव्य में जिस सोच का इजहार किया जा रहा है वो निश्चित तौर पर निंदनीय और भारत की संस्कृति के खिलाफ है, भारत की जनता और प्रशासन को जरूरत है कि ऐसी विचारधारा के खिलाफ आवाज उठाए। जनता का मुक़दमा के आज के एपिसोड में प्रदीप भंडारी ने इसी मुद्दे को चुना और इस तरह की सोच के खिलाफ आवाज उठाई।
आज की डिबेट में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की ओर से पक्ष रखने आए छात्र नेता जैश। जब प्रदीप ने जैश से तीखे सवाल पूछे और उनसे कहा की कल्याण सिंह जी को श्रद्धांजलि देना किस प्रकार से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की परंपरा के खिलाफ है तो जैश कोई जवाब नहीं दे पाए और हड़बड़ाने लगे। कोई जवाब ना बनने पर जैश प्रदीप को गोदी पत्रकार कहने लगे और उंगली दिखाने लगे। जैश को उंगली दिखाने के कृत्य के लिए प्रदीप ने उन्हें सख्ती से टोका और कहा कि वो अपनी मर्यादा में रहें। हम आपको बता दे की अमीर उल जैश वहीं छात्र हैं जिन्होंने शारजील उस्मान जैसे उपद्रवियों के समर्थन में मोदी योगी बर्बाद हो जैसे नारे लगाए थे। इस से पहले जैश तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया। पूरा प्रकरण जानने के लिए आप आज का मुक़दमा यूट्यूब पर देख सकते है। और हमें अपनी राय कमेंट करके बता सकते हैं।