हर्षित शर्मा, जन की बात
तालिबान के अफ़ग़ानिस्तान अधिग्रहण को अभी एक महीना भी नहीं हुआ है और तथाकथित अच्छे तालिबान ने अपने असली रंग दिखाने शुरू कर दिए हैं। गुरुवार को देर रात काबुल एयरपोर्ट के बाहर बॉम्ब से धमाके किए गए। काबुल एयरपोर्ट की सुरक्षा अभी अमरीकी सेना के अधीन है। काबुल एयरपोर्ट बॉम्ब ब्लास्ट में 100 से ज्यादा लोगो की जान जा चुकी है और शवो की गणना अभी भी जारी है। अब तालिबान अपना आतंकवाद का असली रूप दिखा रहा है। लाशों के ढेर पर खड़ा तालिबान पूरी दुनिया और लोकतांत्रिक आदर्शो को चुनौती दे रहा है। ये चुनौती सिर्फ़ अमेरिका को नहीं लेकिन पूरी दुनिया की इंसानियत और लोकतांत्रिक व्यवस्था को है।
काबुल में हुआ कल रात का हादसा उन लोगो के मुंह पर एक तमाचा है जो तालिबान के अफ़गानिस्तान अधिग्रहण को एक बदलाव बता रहे थे और तालिबान की आतंकवादी सोच को नया तालिबान की दलीलें दे रहे थे।एक और जहां भारत के सैनिक पाकिस्तान के आतंकवाद से लड़ते हुए शहीद होते हैं तो वहीं दूसरी ओर कुछ तथाकथित पत्रकार, शायर, नेता और लिबरल गैंग इस पाक समर्थित तालिबान को नया तालिबान होने की दुहाई दे रहे हैं।
उन्हे शर्म आनी चाहिए अपनी इस घटिया सोच पर , ना जाने ये कहां की उदारवादी सोच है कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश को लड़कियों के लिए असुरक्षित मानने वाले कुछ अभिनेता या अभिनेत्रियों को अब अफ़ग़ानिस्तान की महिलाओं के साथ हो रहा अत्याचार नजर नही आ रहा है। जनता का मुक़दमा के आज के एपिसोड में जनता के वकील प्रदीप भंडारी ने इसी मुद्दे पर आवाज उठाई और देश में रहकर तालिबान जैसी आतंकी सोच का समर्थन करने वालो के खिलाफ एक मुक़दमा चलाया। आज के मुक़दमे में इस्लामिक स्कॉलर शोएब जमाई भी उपस्थित रहे। जब शोएब से प्रदीप भंडारी ने तालिबान को लेकर सवाल पूछे तो शोएब बाते घुमाने लगे और भारत की तुलना तालिबान से करने लगे। शोएब ने कहा कि भारत को तालिबान बनने में अब ज्यादा वक्त नहीं है। इसपर टोकते हुए प्रदीप ने शोएब को हड़काया और कहा कि भारत की अस्मिता के विरुद्ध कुछ भी कहने का अधिकार उन्हे नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति को भारत का सम्मान करना चाहिए। जनता का मुक़दमा का आज का पूरा एपिसोड आप यू ट्यूब पर देख सकते हैं।