हर्षित, जन की बात
इस बात में कोई संदेह नहीं कि यदि किसी भी वजह से श्रद्धालुओं के मंदिर जाने पर रोक लगा दी जाए तो कोई भी का पर्व फीका लगने लगता है। उत्तर भारत के अधिकतम इलाकों में कोरोनावायरस की परिस्थितियां नियंत्रण में है और सरकारी हालातों को जन सामान्य बनाने का प्रयास कर रही है। कोरोना से सार्वधिक प्रभावित होने वाला देश का राज्य महाराष्ट्र में भी अब हालात काबू में नजर आ रहे हैं 2 हफ्ते पहले महाराष्ट्र में करोना के मामलों में आई गिरावट को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने सभी जिम स्पा वाइन एंड बियर शॉप खुशी का फैसला लिया। लेकिन यहां सवाल यह उठता है की यदि करोना के मामलों में गिरावट दर्ज किए जाने के बाद स्पा जिम और मदिरालय खोले जा सकते हैं तो फिर मंदिर क्यों नहीं?
जनता का मुकदमा के आज के एपिसोड में प्रदीप भंडारी ने इसी मुद्दे को उठाया। जनता की आस्थाओं एवं भावनाओं को ठेस ना पहुंचाते हुए प्रदीप ने महाराष्ट्र सरकार से कुछ तीखे सवाल पूछे। आज का मुक़दमा शुरू करने से पहले ट्विटर और कू पर जनता का मुक़दमा की टीम ने एक सवाल पूछा और लोगो को उसपर अपनी परतिक्रिया देने को कहा। जनता से सवाल पूछा गया कि क्या महाराष्ट्र सरकार हिन्दू भावनाओं को खिलवाड़ करके हिन्दुओं को टेकन फोर ग्रांटेड ले रही है? 92% प्रतिशत लोगो ने माना महाराष्ट्र सरकार ले रही है हिंदुओ को टेकन फॉर ग्रांटेड। कू पर जनता का मुक़दमा के दर्शकों ने अलग अलग प्रतिक्रियाएं दी।
TEMPLES SHUT, DAHI HANDI BLOCKED: ARE HINDUS BEING TAKEN FOR GRANTED IN MAHARASHTRA?@pradip103 #JantaKaMukadma @JMukadma @IndiaNews_itv
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) August 31, 2021
@satyakumar_y ने लिखा कि उद्धव ठाकरे सरकार हिन्दुओं कि भावनाओं और इस देश कि संस्कृति के साथ खिलवाड़ कर रही है।
@iamamit_kashyap ने लिखा: अगर मदिरालय खोले जा सकते है तो मंदिर क्यों नहीं?
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