हर्षित शर्मा, जन की बात
आज से देश की राजधानी दिल्ली में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के लिए स्कूल खोल दिए गए। दिल्ली के उप मुख्यं मंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिोदिया ने कहा कि ये फैसला दिल्ली के स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के माता पिता की सहमति से लिया गया है। दिल्ली से पहले देश के और भी राज्य स्कूलों को खोलने का फैसला ले चुके हैं। दर असल देश में करोना की दूसरी लहर केहर बरपाने के बाद जा चुकी है और अब करोना के मामलों में बड़े स्तर पर गिरावट दर्ज़ की का रही है। इसी को ध्यान रखते हुए देश के कुछ प्रमुख राज्यो जैसे कि गुजरात, आंध्र प्रदेश , हरियाणा , तेलंगाना जैसे राज्यो में भी स्कूल खोलने का फैसला लिया जा चुका है। हरियाणा ने 16 जुलाई को , उत्तर प्रदेश ने 16 अगस्त को, आंध्र प्रदेश ने 16 अगस्त को तो वहीं कर्नाटका ने 23 अगस्त से स्कूल खोले। लगभग 18 महीने के अंतराल के बाद स्कूल फिर खोले जा रहे हैं। जनता का मुक़दमा के आज के एपिसोड में प्रदीप भंडारी ने स्कूल खोलने के फैसले के पक्ष में मुक़दमा लड़ा। प्रदीप ने सभी विद्यार्थियों के भविष्य को बचाने के लिए दलील दी। देश में मौजूद बहुत से बुद्धिजीवियों का ये भी मानना है कि अभी स्कूल नहीं खोलने चाहिए, उनका मानना है कि ऐसा करने से करोना के मामले बढ़ सकते है और बच्चो की जान को भी खतरा हो सकता है । लेकिन प्रदीप भंडारी ने स्कूल खोलने के पक्ष में ये दलील दी की यदि स्कूल सभी नियमों के पालन के साथ खोले जाए तो इसमें कोई समस्या नहीं है। बच्चो के भविष्य और उनकी पढ़ाई को केंद्र में रखते हुऐ ऐसा करना जरूरी है। देश के बड़े चिकित्सक और AIIMS ke निर्देशक श्री रणदीप गुलेरिया जी का भी यही मानना है कि अब सरकारों को चरणबद्घ तरीके से स्कूलों को खोलने की प्रक्रिया शुरू करदेनी चाहिए। भारत में स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 26 करोड़ है और इसमें से भी 50% से अधिक छात्र ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं, ऐसे में ऑनलाइन शिक्षा पद्धति पर भारत का पूर्ण रूप से निर्भर हो पाना कठिन है। जनता के वकील प्रदीप भंडारी की मुहिम भी देश के बच्चो और उनके भविष्य के हित में है। इसपर आपका क्या मानना है..आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं।