अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के झगड़े की वजह से पंजाब में कांग्रेस का बंटाधार होता नजर आ रहा है। कांग्रेस के लिए जहां यह ‘आपदा’ है वहीं आम आदमी पार्टी के लिए एक ‘अवसर’।विशेषज्ञों का अनुमान है कि कांग्रेस की आपसी लड़ाई ने सत्ता तक पहुंचने के लिए आम आदमी पार्टी के लिए एक सीढ़ी लगा दी है।आम आदमी पार्टी पंजाब फतह करने के लिए दिल्ली मॉडल को आगे बढ़ा रही है और कांग्रेस आप की राह आसान करने के लिए अपने घर में कांटे बिछाती जा रही है।आम आदमी पार्टी ने पंजाब में भी दिल्ली मॉडल को अपनाने के लिए यहां फ्री बिजली के साथ-साथ फ्री स्वास्थ्य सेवा भी देने का वादा करके अपनी सियासी बिसात बिछा दी है। 2017 में पार्टी ने बढ़िया प्रदर्शन करते हुए 20 सीटें जीत कर राज्य में मुख्य विपक्षी दल की हैसियत हासिल कर ली। अब अरविंद केजरीवाल कांग्रेस के आंतरिक संकट और सत्ता विरोधी लहर पर सवार होकर शानदार प्रदर्शन करने और यहां सरकार बनाने की उम्मीद लगा रहे हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अरविंद केजरीवाल से सिद्धू को लेकर भी सवाल किया गया। उनसे पूछा गया कि क्या नवजोत सिंह सिद्धू को आम आदमी पार्टी में शामिल किया जाएगा? इसके जवाब में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी यह एक काल्पनिक बातें हैं। अगर ऐसा कुछ भी होता है तो मैं उसके बारे में आपको सबसे पहले बताऊंगा।
जैसे कि आप जानते हैं कि अरविंद केजरीवाल पंजाब के दौरे पर हैं। वो मीडिया के जरिए पंजाब के लोगों को छै गारंटी दे रहे थे कि अगर राज्य में उनकी सरकार बनी तो स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव करेंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब में जिस तरह से राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई है वो पंजाब के लोगों के लिए सही नहीं है। उनकी पार्टी लोगों का भला कैसे हो सिर्फ उसके बारे में सोचती है। पंजाब ने बदलाव का मन बना लिया है और वो बदलाव आम आदमी पार्टी के पक्ष में जाएगा।
आपको यह भी बता दें कि अरविंद केजरीवाल का ये भी कहना है कि उनके दावे और वादे हवाहवाई नहीं होते। उन्होंने यह भी बोला कि शिक्षा हो या स्वास्थ्य हमने दिल्ली में करके दिखाया है जिसकी प्रशंसा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुई है। हम जो वादे या गारंटी दे रहे हैं उसके पीछे जमीनी आधार है। पंजाब के विकास के लिए जरूरी है लोगों की सेहत दुरुस्त रहे। आम आदमी पार्टी की सोच है कि अगर जनता समर्थन देती है तो वो स्वास्थ्य के क्षेत्र में लोगों को छै गारंटी देंगे।