विशाल पांडेय, जन की बात
पिछले 48 घंटो से देश के अलग अलग राज्यों से विभिन्न बिजली उत्पादन केंद्रों में कोयले की कमी होने की खबर सामने आ रही है। यहां तक कि देश की राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने तो ये भी कहा की दिल्ली में मात्र एक दिन की ऊर्जा पूर्ति का कोयला ही बाकी है। दिल्ली सरकार का कहना है की “यदि परिस्थितियां सामान्य नहीं हुई तो राजधानी को दो दिन के भीतर ब्लैक आउट की स्थिति झेलनी पड़ सकती है. दिल्ली को बिजली आपूर्ति के संयंत्रों के पास 1 माह का स्टॉक रहता था, जो घटकर 1 दिन रह गया है. सारे संयंत्र पहले ही 55 फीसदी क्षमता से चल रहे हैं. दिल्ली में 1300 मेगावॉट गैस आधारित बिजली संयंत्र बवाना में है. दिल्ली के पास कोई बिजली संयंत्र नहीं है औऱ वो केंद्र पर निर्भर है।”
दिल्ली के अलावा पंजाब,राजस्थान समेत देश के कई राज्य बिजली संकट का सामना कर रहे हैं. इन राज्यों के कोयला आधारित थर्मल पॉवर प्लांट के पास कुछ दिनों के कोयले का ही स्टॉक बचा है। ऐसे में देशवासियों के मन में तरह तरह की चिंताएं पैदा होने लगी थी। इन सभी चिंताओं को समाप्त करने के लिए देश के ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और कोयला समस्या पर सच्चाई देश के सामने रखी।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर. के सिंह ने कहा कि दिल्ली में जितनी बिजली की आवश्यकता है, उतनी बिजली की आपूर्ति हो रही है और होती रहेगी.बिना आधार के ये पैनिक इसलिए हुआ क्योंकि गेल ने दिल्ली के डिस्कॉम को एक मैसेज भेज दिया कि वो बवाना के गैस स्टेशन को गैस देने की कार्रवाई एक या दो दिन बाद बंद करेगा। वो मैसेज इसलिए भेजा क्योंकि उसका कांट्रैक्ट समाप्त हो रहा है।