दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने कश्मीरी अलगाववादी नेता और आतंकवादी यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ में उस पर 10 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है. NIA कोर्ट के फैसले से साफ है कि अब आतंकवादी यासीन मलिक पूरी जिंदगी जेल में रहेगा क्योंकि उसे दो मामलों में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. धारा 121 के तहत कोर्ट ने यह सजा सुनाई है. मलिक के ऊपर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (UAPA) के अंतर्गत भी आरोप तय किए गए थे.
समाचार एजेंसी एएनआई ने एडवोकेट उमेश शर्मा के हवाले से कहा है कि कोर्ट ने आतंकवादी यासीन मलिक को दो मामलों में उम्रकैद की सजा सुनाई हैं. इसके साथ ही 10 अलग अपराधों में 10 साल की भी सजा सुनाई है. साथ ही यासीन मलिक पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
NIA ने की थी फांसी की सजा देने की मांग
एनआईए ने टेरर फंडिंग में दोषी ठहराए गए यासीन मलिक को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की थी। एनआईए ने कहा कि यासीन मलिक ने जिस के जुर्मों को अंजाम दिया था, उसे देखते हुए मलिक को फांसी से कम की सजा नहीं दी जानी चाहिए। यासीन मलिक ने केस की सुनवाई के दौरान खुद भी अपना गुनाह कबूल किया था और वकील भी वापस कर दिया था। यासीन मलिक की सजा के ऐलान से पहले पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी रही।
Terror funding case | NIA Court in Delhi awards life imprisonment to Yasin Malik. pic.twitter.com/mxwH3dhWLc
— ANI (@ANI) May 25, 2022
19 मई को ठहराया गया था दोषी
आतंकवादी यासीन मलिक को 19 मई को एनआईए कोर्ट की ओर से मामले में दोषी ठहराया गया था. एनआईए ने जांच के बाद कहा था कि लश्कर-ए तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन, जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट और जैश-ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ मिलकर जम्मू कश्मीर में लोगों और सुरक्षाबलों पर हमला करके शांति बिगाड़ते हैं. एनआईए ने यह भी आरोप लगाया था कि 1993 में अलगाववादी गतिविधियों को राजनीतिक मदद देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का भी गठन किया गया था.