भारतीय जनता पार्टी ने ”देश की बदली सोच” के नाम से सोशल मीडिया पर एक अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से कांग्रेस शासनकाल के दौरान पूर्ववर्ती प्रधानमंत्रियों की ओर से दिए गए भाषणों की तुलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों से की गई है।
मंगलवार की रात भाजपा ने इस अभियान के तहत अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर प्रधानमंत्री मोदी और पूर्व प्रधानमंत्रियों मनमोहन सिंह, राजीव गांधी, इंदिरा गांधी और जवाहरलाल नेहरू के भाषणों के अंश और उनसे जुड़े कई ग्राफिक्स साझा किए।
एक ग्राफिक में बताया गया है कि वर्ष 1975 में आपातकाल लगाने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने राष्ट्रीय जीवन के विभिन्न पहलुओं को ‘शुद्ध’ करने के लिए इसे ‘कड़वी गोलियों’ के रूप में उचित ठहराया था। जबकि सत्तारूढ़ दल ने दावा किया कि मोदी ने अपने 2017 के भाषण में लोकतंत्र को भारत की ‘सबसे बड़ी ताकत’ के रूप में उद्धृत किया।
Desh Ki Badli Soch!
Lack of faith in democracy as it needed 'cleansing' vs hailing democracy as the country's biggest strength. pic.twitter.com/s2BY48OhwN
— BJP (@BJP4India) August 16, 2022
एक ट्वीट में पार्टी ने आरोप लगाया गया है कि नेहरू ने अपने 1963 के भाषण में शहीद सैनिकों को कोई श्रद्धांजलि नहीं दी थी, जो 1962 में चीन के साथ युद्ध के बाद दिया गया था। इसमें बताया गया है कि पीएम मोदी ने अपने 2020 के संबोधन में उन लोगों को याद किया, जिन्होंने लद्दाख में चीनी सेना के साथ संघर्ष में सर्वोच्च बलिदान दिया था।
Desh Ki Badli Soch!
No tribute to the Martyrs vs remembering them. pic.twitter.com/cw3DZ0zSKj
— BJP (@BJP4India) August 16, 2022
एक दूसरे ग्राफिक में भारतीय जनता पार्टी ने पंचशील समझौते के बावजूद चीन की ओर से 1962 में भारत पर किए गए हमले का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस नेतृत्व ने कश्मीर और लद्दाख को लेकर जहां नरम रुख अख्तियार करने की नीति अपनाई, वहीं मोदी ने हमेशा इन मुद्दों पर सख्त रवैया अपनाया।
Desh Ki Badli Soch!
Remembering selective idols, appeasing a family as opposed to respecting everyone's contributions. pic.twitter.com/lVdEpjnZMG
— BJP (@BJP4India) August 16, 2022
भाजपा ने मनमोहन सिंह की ओर से 2008 और 2009 में दिए गए भाषणों के कुछ हिस्सों को साझा करते हुए आरोप लगाया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री ने ”चुनिंदा आदर्शों को याद किया और एक परिवार का तुष्टिकरण” किया। भाजपा ने इसकी तुलना मोदी के 2014 के भाषण से की, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश आज जिस मुकाम पर पहुंचा है। उसमें सभी सरकारों के प्रमुखों का योगदान रहा है।
Desh Ki Badli Soch!
Remembering selective idols, appeasing a family as opposed to respecting everyone's contributions. pic.twitter.com/lVdEpjnZMG
— BJP (@BJP4India) August 16, 2022