राजनीति में जो दिखता है वो होता नहीं, जो होता है वो दिखता नहीं…. आज आपको मैं (प्रदीप भंडारी) कांग्रेस अध्यक्ष दौड़ के पीछे की असली कहानी बताना चाहता हूं। ये दिखता तो चुनाव जैसा है दोस्तों पर है ये एक चयन..
चयन जो सोनिया गांधी कर रही है और इस प्रक्रिया के 3 स्तंभ है।
1:- जो मैडम बोले- सोनिया जी का वफादार हो
2:- राहुल जी को कांग्रेस का सर्वोच्च नेता माने
3:- जिसका खुद कोई पैन इंडिया राजनीतिक अस्तित्व ना हो
दौड़ में दो नाम शुरुआत में शॉर्टलिस्ट चल रहे थे
अशोक गहलोत और मलिकर्जुन खड़गे। अशोक गहलोत से मैडम की बात हुई, गहलोत तैयार हुए, पर उन्होंने देखा अजय माकन के जरिए मुख्यमंत्री से हटाकर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनने की योजना चल रही, जो गहलोत नहीं चाहते थे।
विधायकों ने शक्ति प्रदर्शन किया, मैडम नारज हुईं पर समझ गईं कि अगर राजस्थान में सरकार बचानी है तो सचिन को सीएम नहीं बनाना है। मैडम आहत थीं पर मुकुल वशनिक और तमाम अलग लोगों ने बोला की गहलोत से संवाद कीजिये।
जहां एक तरफ गहलोत संवाद के लिए मैडम के पास पाहुंचे, दूसरी तारफ दिग्विजय सिंह ने बातों-बातों में राहुल से पूछ लिया की वो भी लड़ लें अध्यक्ष पद का चुनाव?