कांग्रेस नेता सुखजिंदर रंधावा ने जयपुर में कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मोदी को खत्म करो तो देश बच जाएगा। अगर मोदी नहीं होंगे तो देश अपने आप ठीक हो जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अगर अडानी-अंबानी को खत्म करना है तो पहले मोदी को खत्म करो।
जयपुर में केंद्र सरकार के खिलाफ रैली को संबोधित करते हुए रंधावा ने कहा की, पीएम मोदी को पता ही नहीं है कि देशभक्ति का मतलब क्या है? कौनसा बीजेपी का या जनसंघ का नेता है जिसने आजादी की लड़ाई लड़ी या जेल गया। कौनसा नेता है जो फांसी पर चढ़ा। मोदी और अमित शाह का परिवार कभी जेल नहीं गया। कांग्रेस के नेता जेल गए और फांसी पर चढ़े। अडानी-अंबानी मिलकर देश को खोखला कर सत्यानाश कर देंगे। कहा कि हमलोग फिर से गुलामी की ओर बढ़ रहे हैं। अडानी ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह भारत में काम कर रहा है। इसलिए इन्हें रोकना होगा। नहीं तो देश का सत्यानाश हो जाएगा। पीएम मोदी खत्म हो जाएंगे तो अडानी और अंबानी भी खत्म हो जाएंगे।
जानें कब – कब पीएम मोदी को लेकर बिगड़े कांग्रेस नेताओं के बोल
मणिशंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री मोदी पर बयान देते हुए कहा कि “मुझको लगता है कि ये आदमी बहुत नीच किस्म का है, इसमें कोई सभ्यता नहीं है, और ऐसे मौके पर इस किस्म की गंदी राजनीति की क्या आवश्यकता है?” हालांकि इस बयान के लिए बाद में मणिशंकर अय्यर ने माफी मांग ली।
कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर ही उनके खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। मनीष तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर ट्वीट किया और लिखा, ‘इसे कहते हैं चू*** को भक्त बनाना और भक्तों को पर्मानेंट चू*** बनाना- जय हो। यहां तक कि महात्मा गांधी भी मोदी को देशभक्ति नहीं सिखा सकते”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर पीएम मोदी के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया। दिग्विजय सिंह ने जो ट्वीट पोस्ट किया, उसमें मोदी की तस्वीर के साथ तीन लाइन लिखी गई हैं। इसमें लिखा है, ‘मेरी 2 उपलब्धियां: 1- भक्तों को बेवकूफ बनाया, 2- बेवकूफ को भक्त बनाया।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमान करते हुए उन्हें जवानों के खून का दलाल तक कह डाला। 6 अक्टूबर, 2016 को किसान यात्रा के दौरान दिल्ली पहुंचने पर इन शब्दों का इस्तेमाल किया। प्रधानमंत्री के साथ-साथ सेना का भी अपमान किया।