प्रदीप भंडारी भोपाल में चल रहे डिजिटल हिन्दू कॉन्क्लेव कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। प्रदीप भंडारी ने वहां मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। उन्होंने वहां जोरदार भाषण दिया। भारतनीति के ऊपर बोलते हुए प्रदीप भंडारी ने कई विषयों पर अपनी बात रखी।
क्या आपने सुना हसि सेक्युलर ईसाई, सेक्युलर मुस्लिम तो यह सेक्युलर हिन्दू शब्द कहां से आया। क्योंकि यह हिन्दू पहचान को धूमिल करना चाहते हैं इसलिए इसके आगे एक वर्ड जोड़ दिया गया। हिन्दू को कोई पहचान की जरूरत नहीं है। ये टूलकिट वाले ऐसे टर्म को लेके आते हैं कि तो सेक्युलर हिन्दू हो या नहीं हो। इसे मीडिया के जरिए ऐसे परोसा जाता है कि हम सब सोचने लग जाते हैं।
एक सुडो सेक्युलर आपके जैसे देखने वाले व्यक्ति को आपके सामने कहा जायेगा, भले ही वो आपके प्रोफेशन में हो, भले मीडिया में हो, राजनीति में हो। वह आपसे सवाल करेगा कि आप होली पर पानी क्यों बर्बाद कर रहे हो, दीवाली पर पटाखे क्यों जला रहे हो? कितने पुराने ख्याल वाले हो तुम, तुम जानवरों का ख्याल रखो, तुम शिवलिंग पर दूध बर्बाद नहीं करो।
यह सब आपको कोई मुस्लिम नहीं कहेगा, कोई ईसाई नहीं कहेगा। यह कहेगा हमारे जैसे ही कोई व्यक्ति। आपको लगेगा ये हिन्दू है, हिंदुस्तानी है ये क्यों ऐसी बात कर रहा है। लेकिन बाहर से बैठे हुए लोग हैं, भले ही चीन में हो या पश्चिमी देशों के हो वो हमारे देश मे ऐसे लोगों के साथ मिले हुए हैं और उनके विचार मिलते हैं। जो वेस्ट चाहता है वही एजेंडा वो चलाएंगे। जब भी हिंदुस्तान नुक्लेअर पावर बनने के तरफ जाता था, तरह तरह के NGO प्रोटेस्ट करने आ जाते थे।