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डिजिटल हिन्दू कॉन्क्लेव में प्रदीप भंडारी ने बताया क्यों एन्टी इंडिया टूलकिट एक्टिव हुआ

प्रदीप भंडारी भोपाल में चल रहे डिजिटल हिन्दू कॉन्क्लेव कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। प्रदीप भंडारी ने वहां मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। उन्होंने वहां जोरदार भाषण दिया। भारतनीति के ऊपर बोलते हुए प्रदीप भंडारी ने कई विषयों पर अपनी बात रखी।

एन्टी इंडिया टूलकिट के बारे में बात करते हुए प्रदीप भंडारी ने कहा कि सभी राष्ट्रवादी सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर हैं उनको यह बात सोचना चाहिए और आत्मचिंतन करना चाहिए कि ये एन्टी इंडिया टूलकिट एक्टिव क्यों हुआ। 2007-08 में तो एन्टी इंडिया टूलकिट जैसा तो कुछ नहीं था क्योंकि उस वक़्त जो सरकार के लिए काम करते थें उसमें पत्रकार, ब्यूरोक्रेट्स, थिंक टैंक सब एक सूडो सेक्युलर और एन्टी इंडिया टूलकिट को सामान्य बनाते थे। सामान्य हो गया था कि यासीन मलिक जैसे लोग पीएम के साथ हाथ मिलाते थे। दिल्ली के अंदर बैठ कर उनको इंटेलेक्चुअल कहा जाता था। यह सब नार्मल था।

आगे प्रदीप भंडारी ने कहा कि जिस मीडिया का मैं भी सदस्य हूं उस मीडिया ने उस वक्त ऐसे लोगों को हीरो बन दिया था और हमारे कश्मीरी हिन्दू भाई बहन की कहानी 30 साल तक नहीं बताई गई थी। वो अलग अलग मीडिया हाउस में दर दर भटकते थे मगर कोई इनकी आवाज सुनने वाला नहीं था। मगर आज जो राष्ट्रवादी सोशल मीडिया की जो क्रांति आई है उसके बाद ऐसी स्थिति हो गयी है कि वो पत्रकार आज बेरोजगार है। आज ऐसा दिन आया है कि कश्मीरी पंडितों के जेनोसाइड की कहानी सुनी गई है और उसको महसूस भी किया गया है।

फिर प्रदीप भंडारी ने बताया कि इस सब के वजह से ही ये एन्टी इंडिया टूलकिट एक्टिव हुए हैं क्योंकि हिंदुस्तान कोई वेस्ट की कॉलोनी के रूप में आगे नहीं बढ़ रहा वो कोई मानसिक रूप से गुलाम देश के रूप में आगे नहीं बढ़ रहा वो अपने ऊपर गर्व महसूस करके आगे बढ़ रहा है। आज एक टिका लगाने वाले वाला इंसान भी उतना ही मॉडर्न है जितना कोज वेस्ट का व्यक्ति होता है। इसलिए इनको घबराहट है।

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