‘मोदी सरनेम’ मामले में राहुल गांधी को मानहानि केस में 2 साल और 15 हजार जुर्माना की सजा मिलने के बाद उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई। राहुल गांधी की संसदीय सदस्यता रद्द होने के बाद देश-विदेश से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। अमरीका की प्रतिक्रिया आने के बाद अब जर्मनी ने कहा है कि राहुल गांधी के मामले में न्यायिक स्वतंत्रता और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांतों के मानक लागू होने चाहिए। राहुल गांधी के मामले में यूरोपीय देशों की ओर से यह पहली प्रतिक्रिया है जिसने सियासत को गर्म कर दीया है। इससे पहले अमेरिका ने राहुल गांधी मामले पर प्रतिक्रिया दी थी।
जर्मनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “हमने भारत में विपक्षी दल के नेता राहुल गांधी के खिलाफ आए अदालत के फैसले और उनकी संसद सदस्यता रद्द होने के मामले पर ध्यान दिया है।” उन्होंने आगे कहा कि हमारी जानकारी के अनुसार, राहुल गांधी फैसले के खिलाफ अपील करने की स्थिति में हैं, अपील के बाद स्पष्ट होगा कि कि फैसला कायम रहेगा या नहीं। हम उम्मीद करते हैं कि न्यायिक स्वतंत्रता और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांतों के मानकों को लागू किया जाएगा।
बताते चलें की कुछ दिन पहले ही अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा था कि हम भारतीय अदालतों में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मामले पर अपनी नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने ये भी कहा था कि अमेरिका भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति साझा प्रतिबद्धता के लिए भारत सरकार के साथ है।