एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस्तीफे पर सवाल उठाए हैं। शरद पवार ने कहा कि जब उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था, तो सहयोगी दलों एनसीपी और कांग्रेस से कोई सलाह-मशविरा नहीं किया था। उन्होंने आगे कहा कि उद्धव केवल अपनी पार्टी की वजह से मुख्यमंत्री नहीं बने थे। उनके मुख्यमंत्री बनने में कांग्रेस और एनसीपी के विधायकों का योगदान था, लेकिन उन्होंने किसी से सलाह-मशविरा नहीं करते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार के इस बयान के बाद राज्य की सियासत का माहौल फिर गर्म हो गया है। अब महा विकास आघाड़ी में फूट की खबरें भी आ रही हैं। इस बात की भी चर्चा है कि एनसीपी कहीं एमवीए से किनारा करने के मूड में तो नहीं है। यह भी कहा जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में शरद पवार गठबंधन में एनसीपी को ज्यादा से ज्यादा सीटें दिलाने के लिए प्रेशर पॉलिटिक्स का इस्तेमाल कर रहे हैं।
बता दें कि कुछ दिन पहले अजीत पवार ने भी पीएम मोदी की डिग्री पर चल रहे विवाद को बेतुका बताया था और कहा था कि पीएम मोदी अपनी योग्यता पर प्रधानमंत्री बने हैं, ना की डिग्री की वजह से। वहीं शरद पवार ने भी एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि ऐसा लगता है अडानी को टारगेट किया जा रहा है। हमें उद्योगपतियों को टारगेट नहीं करना चाहिए।