खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह पर केंद्र और राज्य सरकार की कड़ी नजर थी। दोनों स्तर की जांच एजेंसी मिलकर भारत के अंदर और बाहर अमृतपाल सिंह को तालाश रही थी। आम आदमी पार्टी के मंत्री गोपाल राय ने अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के संबंध में केंद्र सरकार का आभार जताया है । उन्होंने कहा कि अमृत पाल की गिरफ्तारी में पंजाब पुलिस को केंद्र सरकार का सहयोग मिला। उनके सहयोग से पंजाब पुलिस को काफ़ी बल मिला। खलिस्तान आंदोलन वापस होने के सवाल पर मंत्री गोपाल राय ने कहा कि पंजाब के लोग अब राज्य में अमन और शांति चाहते हैं। वो हिंसा का दौर देख चुके हैं।
अमृतपाल के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उसपर एनएसए भी लगा दिया गया है। पंजाब पुलिस और इंटेलिजेंस ब्यूरो की संयुक्त कार्रवाई में अमृतपाल गिरफ्तार हुआ है। अमृतपाल बीते कई दिनों से फरार चल रहा था। पंजाब पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां लगातार उसकी खोज में जुटी हुई थीं। अमृतपाल को पकड़ने के लिए देशभर में नेपाल बॉर्डर तक ऑपरेशन चलाए गए थे।
वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने अपने खिलाफ पुलिस की धरपकड़ शुरू होने के 36 दिन बाद रविवार सुबह पंजाब के मोगा में पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। सूत्रों के अनुसार अमृतपाल सिंह यहां के रोडेवाला गुरुद्वारे पहुंचा, जहां पूर्व ग्रंथी ने पुलिस को उसके आने की सूचना दी।
बताते चलें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बीते शनिवार बेंगलुरु में एक मीडिया कॉन्क्लेव में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि देश में खालिस्तानी लहर नहीं है और केंद्र स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है। इसके ठीक अगले दिन यानी कि आज 23 अप्रैल को खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ का चीफ अमृतपाल सिंह आखिरकार गिरफ्तार हो गया है। पंजाब पुलिस ने भगोड़े अमृतपाल सिंह को मोगा से गिरफ्तार कर लिया गया।