गृह मंत्री अमित शाह के कर्नाटक दौरे के एक दिन बाद ही आज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी दो दिन के कर्नाटक दौरे पर हैं। वे मैसूर और चामराजनगर जाएंगी और कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगी। मैसूर के जिला कांग्रेस अध्यक्ष बी.जे विजय कुमार ने बताया कि प्रियंका दोपहर में हलवाराहुंडी में एक जनसभा को संबोधित करेंगी। इसके बाद वे चामराजनगर के गौरीशंकर कन्वेंशन हॉल में महिला सम्मेलन में भाग लेंगी। शाम को वे मैसूर पहुंचेगीं और रोड शो करेंगी।
प्रियंका से पहले राहुल गाँधी ने किया था दौरा
प्रियंका गांधी से पहले राहुल गांधी दो दिन के दौरे पर कर्नाटक गए थे। वे रविवार को हुबली पहुंचे। जहां से वे बागलकोट गए। इस दौरान 12वीं शताब्दी के कवि और समाज सुधारक बसवेश्वर की जयंती पर कुदाल संगम में शामिल हुए। इस समारोह के बाद राहुल ने विजयपुरा में जनसंपर्क के लिए रोड शो किया और वहां मौजूद लोगों को संबोधित किया।
राहुल ने सोमवार को रामदुर्ग और हंगल में जनसभा को संबोधित किया। राहुल ने हंगल में कहा- इनको (भाजपा) 40 नंबर अच्छा लगता है। इस बार आप लोग इनको 40 सीटें दीजिएगा। जब प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार की बातें करते हैं तब उनके मंच पर चारों तरफ कर्नाटक के 40% कमीशन वाले नेता खड़े रहते हैं।
राहुल गांधी ने 16 अप्रैल को कोलार की जनसभा में कहा था- कर्नाटक में हमारी सरकार बनी तो हर परिवार को 200 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी। 2000 रुपए हर महीने महिलाओं को और सबसे जरूरी युवा निधि 3000 हजार रुपए कर्नाटक के हर ग्रेजुएट को 2 साल तक दिए जाएंगे। 10 किलो चावल हर महीने हर परिवार को, इसके अलावा 1500 रुपए हर डिप्लोमा होल्डर को हमारी सरकार देगी। मेरा वादा है कि सरकार बनते ही पहली मीटिंग में इन वादों को पूरा किया जाएगा
एक दिन पहले अमित शाह ने कांग्रेस पर साधा निशाना
प्रियंका गाँधी के दौरे से एक दिन पहले ही यानी 24 अप्रेल को गृह मंत्री अमित शाह भी कर्नाटक दौरे पर थे, अमित शाह ने हसन में एक रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा, उन्होंने कहा की ‘जेडीएस परिवारवाद वाली पार्टी हैं और सत्ता के लिए कंग्रेस से गठजोड़ करती है, हमारे दो लिंगायत नेताओं के शामिल होने से कांग्रेस थोड़ी खुश है, लेकिन कांग्रेस को लिंगायतों के लिए बोलने का कोई अधिकार नहीं है. कर्नाटक के इतिहास में उन्होंने केवल दो बार राज्य में लिंगायत नेतृत्व को मौका दिया है और दोनों ही अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए. अतीत में एक मुख्यमंत्री को इंदिरा गांधी ने और दूसरे को राजीव गांधी ने हटा दिया था.’