6 साल पहले आज ही के दिन क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना के अंतर्गत RCS उड़ान ने दिल्ली से शिमला की अपनी पहली उड़ान भरी थी। आज, 473 रूट्स और 74 ऑपरेशनल एयरपोर्ट्स, हेलीपोर्ट्स और वाटर एयरोड्रोम के साथ, यह भारतीय एविएशन सेक्टर के लिए गेम-चेंजर साबित हो रहा है। ये क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाता है, पर्यटन और व्यापार को भी बढ़ावा देता है।
पीएम मोदी ने दी शुभकामनायें
पीएम मोदी ने आज ट्वीट कर कहा की ‘पिछले 9 साल भारत के विमानन क्षेत्र के लिए परिवर्तनकारी रहे हैं। मौजूदा हवाई अड्डों का आधुनिकीकरण किया गया है, नए हवाई अड्डों का निर्माण तेज गति से किया गया है और रिकॉर्ड संख्या में लोग उड़ान भर रहे हैं। इस बढ़ी हुई कनेक्टिविटी ने वाणिज्य और पर्यटन को एक बड़ा प्रोत्साहन दिया है।’
The last 9 years have been transformative for India’s aviation sector. Existing airports have been modernised, new airports have been built at quick pace and record number of people are flying. This enhanced connectivity has given a big impetus to commerce and tourism. #UDANat6 https://t.co/Wu6qI3yemM
— Narendra Modi (@narendramodi) April 28, 2023
क्या है उड़ान योजना?
उड़ान योजना मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। इसका पूरा नाम उड़े देश का आम नागरिक है। इसकी शुरुआत 2016 में की गई थी। इसका उद्देश्य टियर -2 और टियर-3 शहरों में रीजनल एयर कनेक्टिविटी को बढ़ाना है। इस योजना के तहत बनाए गए मार्गों पर उड़ान का संचालन पर करने पर एयरलाइन कंपनियों को सरकार की ओर से कई तरह के फायदे दिए जाते हैं।
इस योजना को संचालन करने में केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकारों की ओर से भी योगदान दिया जाता है। अब तक इस योजना के चार चरण लॉन्च किए जा चुके हैं।
भारतीय विमानन उद्योग सबसे तेजी से बढ़ने वाले उद्योगों में से एक है। स्टेटिस्टा के आंकड़ों के अनुसार भारत में हवाई यात्रा करने वाले कुल यात्रियों की संख्या में 2010 से 2019 के बीच 163.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यानी हर वर्ष लगभग 16 प्रतिशत से भी ज्यादा। हालांकि, जब साल 2020 में कोरोना महामारी आई तब इस संख्या में गिरावट दर्ज की गई थी। जो वार्षिक बढ़ोतरी पहले लगभग 16 प्रतिशत थी वह उस दौरान मात्र 2.7 प्रतिशत के आसपास रह गयी थी।
फिर भी, फिलहाल भारत 9वां सबसे बड़ा विमानन बाजार है, जो सालाना 121 मिलियन घरेलू और 41 मिलियन अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को संभालता है। इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन (आईबीईएफ) के अनुसार भारत के 2024 तक यात्रियों के मामले में तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार बनने की उम्मीद है।
कितना बड़ा है भारत का विमानन उद्योग
विमानन उद्योग देश में सबसे तेजी से बढ़ने वाले उद्योगों में से एक बन गया है। यह देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। भारत सरकार के अनुसार, वाणिज्यिक विमानन क्षेत्र ने 2021 में भारत की जीडीपी में $30 बिलियन का योगदान दिया। वित्तीय वर्ष 2020 में भारतीय एयरलाइन बाजार का मूल्य लगभग $20 बिलियन था। आईबीईएफ के अनुसार, अगले चार वर्षों में भारतीय विमानन उद्योग में ₹35,000 करोड़ का निवेश होने की उम्मीद है। वहीं वर्ष 2026 तक भारतीय ड्रोन उद्योग का भी कुल कारोबार $1.8 बिलियन तक होने की उम्मीद है।
9 साल में बने 74 एयरपोर्ट: पीएम मोदी
इसी वर्ष फरवरी में शिवमोगा एअरपोर्ट के उद्घाटन के वक़्त पीएम मोदी ने बताया था की एविएशन सेक्टर में रोजगार की अनेक संभावनाएं आने वाली हैं, भारत में हवाई यात्रा पर जो विस्तार हुआ है उसके पीछे बीजेपी सरकार की नीतियां और निर्णय है।
2014 से पहले देश में सिर्फ बड़े शहरों में ही एयरपोर्ट पर फोकस था, छोटे शहर भी हवाई कनेक्टिविटी से जुड़े ये कांग्रेस की सोच ही नहीं थी। हमे इस नीति को बदलने का निर्णय लिया, साल 2014 में देश में 74 एयरपोर्ट थे, जबकि बीजेपी सरकार ने 9 साल में 74 नए एयरपोर्ट बनवा चुकी है। देश के छोटे शहरों में आधुनिक एयरपोर्ट हैं।
आप कल्पना कर सकते हैं की बीजेपी सरकार के काम करने की रफ्तार क्या है। गरीबों के लिए काम करने वाली बीजेपी सरकार ने एक और बड़ा काम किया, हमने ये तय की की हवाई चप्पल पहने वाला भी हवाई यात्रा कर पाएं। इसलिए हमने बेहद कम कीमत वाली हवाई योजना शुरू की। आज मैं देखता हूं की मेरे कितने ही गरीब भाई बहन हवाई जहाज में सफर कर रहे हैं। और उनसे मुझे बहुत संतोष मिलता है, शिवमोगा का ये एयरपोर्ट भी अब इसका गवाह बनेगा।