केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार 1 मई को कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर पीओजेके को फिर से हासिल करना और इसे भारत का हिस्सा बनाना सरकार के एजेंडे में है.
लंदन में रहने वाले जम्मू-कश्मीर मूल के छात्रों और सामाजिक समूहों के साथ एक बैठक में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पदभार संभालने के बाद उन्होंने ‘1947 के बाद विभिन्न सरकारों द्वारा अतीत में की गईं कई गलतियों को ठीक करने की कोशिश की है.”
जम्मू-कश्मीर के लोगों में अपनेपन की भावना
ब्रिटेन की आधिकारिक यात्रा पर गए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से जम्मू-कश्मीर के लोगों में अपनेपन की भावना पैदा हुई है और उन्हें देश के बाकी हिस्सों में अपने समकक्षों के बराबर अधिकार मिले हैं.
मंत्री जितेंद्र सिंह ने यहां जारी एक आधिकारिक बयान में कहा, ‘अगर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल को भारत की अन्य रियासतों की तरह जम्मू-कश्मीर को संभालने की अनुमति दी होती, तो आज पाकिस्तान के कब्जे वाला जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा होता और पीओजेके का मुद्दा कभी नहीं उठता.’
पीओजेके को वापस लेना एजेंडे में
उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान से पीओजेके वापस लेना और इसे भारत में मिलाना प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार और एक राजनीतिक दल के रूप में भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे में है.” बता दें कि जितेंद्र सिंह इस हफ्ते ब्रिटेन की यात्रा पर हैं.
इस दौरान उन्होंने अपनी इंपीरियल कॉलेज लंदन की यात्रा के दौरान ‘कार्बन कैप्चर’ और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में भारत और ब्रिटेन के बीच अनुसंधान सहयोग पर प्रमुख रूप से ध्यान केंद्रित किया है.
वहीं, मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि वैश्विक स्तर पर अपना अलग स्थान बनाने वाले भारतीय टीका बाजार का मूल्यांकन 2025 तक 252 अरब रुपये का हो जाएगा. उन्होंने जैव-प्रौद्योगिकी स्टार्टअप और टीका विकास क्षेत्र में भी दोनों देशों में सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया.