कर्नाटक में बस कुछ ही दिनों के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं, और मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच होता दिख रहा है। जन की बात – एशियानेट सुवर्णा न्यूज के ओपिनियन पोल 2 के अनुसार कर्नाटक में वोक्कालिगा जेडीएस के बाद सबसे ज्यादा बीजेपी के साथ जाता हुआ नजर आ रहा है, प्रदीप भंडारी के पोल के अनुसार कर्नाटक का 58% वोक्कालिगा मतदाता जेडीएस के साथ जाने का अनुमान है , वहीँ बीजेपी को 24% वोक्कालिगा वोट मिलने का अनुमान है और कांग्रेस के साथ सिर्फ 18% वोक्कालिगा मतदाता जाते हुए नजर आ रहा है.
वोक्कालिगा समुदाय हमेशा से ही जेडीएस के साथ खड़ा दिखा है और उसका सबसे बड़ा कारण है एचडी देवगौड़ा, देवगौड़ा ने ये विश्वास एकाएक नहीं हासिल किया. और न ही ऐसा उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद हुआ. प्रधानमंत्री बनने से देवगौड़ा का कद बढ़ा और उन पर समाज की जिम्मेदारियां बढ़ीं लेकिन समाज का ये विश्वास उन्होंने दशकों में हासिल किया है. कर्नाटक की राजनीति की समझ रखने वाले बताते हैं कि देवगौड़ा अपने समाज के प्रभावशाली लोगों को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं. उन्होंने घर-घर जाकर अपने लोगों का भरोसा जीता है.
लेकिन इस बार बीजेपी ने वोक्कालिगा वोट साधने के लिए मुस्लिम आरक्षण को ख़त्म कर 2-2% आरक्षण वोक्कालिगा और लिंगायत समुदाय में बाँटने की जो घोषणा की है उससे काफी वोक्कालिगा वोटर्स बीजेपी की तरफ शिफ्ट होते नजर आ रहे है, इसके अलवा केम्पगौड़ा को पीएम मोदी के द्वारा सम्मान देना और टिकटों में वोक्कालिगा समुदाय का खाद ध्यान रखना इस बार जरूर बीजेपी को फायदा पहुंचा सकता है.
क्या कहते हैं नंबर
प्रदीप भंडारी के ओपिनियन पोल में बीजेपी को 100 से 114 सीटें मिलने का अनुमान है, वहीं को कांग्रेस को 86 से 98 सीटें और जेडीएस को 20 से 26 सीटें मिल सकती हैं ।
वहीं वोट शेयर की बात की जाए तो बीजेपी को 38 से 40.5% वोट मिलने का अनुमान है, कांग्रेस को 38.5 से 41.5% वोट और जेडीएस को 14 से 16.5% वोट मिलने का अनुमान है।
मोदी की एंट्री ने बदले बीजेपी के आंकड़े
पीएम मोदी को एंट्री जिस भी चुनाव में होती हैं वहां आंकड़े बदल जाते हैं, कर्नाटक में भी यही हो रहा है, जन की बात के पहले ओपिनियन पोल में बीजेपी को 98 से 109 सीटों का आंकड़ा नजर आ रहा था लेकिन पिछले दिनों पीएम मोदी की ताबड़तोड़ रैलियों और रोड शो के बाद माहोल पूरी तरह बदल गया है, और इसका असर बीजेपी की सीटों पर भी दिख रहा है।
आपको बता दें कि प्रदीप भंडारी और उनकी टीम ने ओपिनियन पोल का सर्वे 15 अप्रैल से 1 मई 2023 के बीच किया है, जिसके सेंपल साइज 30,000 है। बुधवार 10 मई को कर्नाटक में वोटिंग होनी है, और 13 मई को नतीजे आएंगे।