लिंगायत समाज को लेकर कांग्रेस के लिए बहुत ही खुशी वाली ख़बर आई है। सूत्रों की माने तो कर्नाटक के हुबली में लिंगायत संतो से कांग्रेस नेता शमनूर शिवशंकरप्पा और जगदीश शेटार ने मुलाकात की । माना जा रहा है की इस मुलाकात के बाद ही ये बड़ी खबर सामने आई।
बताते चलें कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को राज्य में बड़ी सफलता हाथ लगी है। कर्नाटक वीरशैव लिंगायत फोरम ने कांग्रेस को अपना समर्थन दिया है. वीरशैव लिंगायत ने क 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को अपना समर्थन देने के लिए एक आधिकारिक पत्र जारी किया है। फोरम ने लिंगायत समुदाय के लोगों से कांग्रेस को वोट देने का आग्रह किया है। बता दें कि लिंगायत वोट अधिकतर बीजेपी के पक्ष में पड़ते रहे हैं। पूर्व सीएम येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं।
कांग्रेस ने शनिवार को निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वोट बैंक की खातिर कांग्रेस द्वारा आतंकवाद को पालने-पोसने’’ की टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की और कहा कि उन्होंने लक्ष्मण रेखा’’ लांघ दी है। शुक्रवार को बेल्लारी में एक रैली में मोदी के आरोप पर कड़ी आपत्ति जताते हुए विपक्षी दल ने कहा कि कर्नाटक का माहौल बिगाड़ने के लिए उन्होंने दुर्भावनापूर्ण तथा झूठा’’ आरोप लगाया है।
लिंगायत समाज को कर्नाटक की अगड़ी जातियों में गिना जाता है। कर्नाटक की आबादी का 18 फीसदी लिंगायत हैं। पास के राज्यों जैसे महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भी लिंगायतों की अच्छी खासी आबादी है। लिंगायत और वीरशैव कर्नाटक के दो बड़े समुदाय हैं। इन दोनों समुदायों का जन्म 12वीं शताब्दी के समाज सुधार आंदोलन के स्वरूप हुआ।