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Gyanvapi Case: ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, हालात देखेंगे फिर लेंगे फैसला

वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग होने पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। दरअसल सर्वे को लेकर हाईकोर्ट ने कार्बन डेटिंग का आदेश दिया था। जिसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। अब सर्वोच्च न्यायालय ने कार्बन डेटिंग पर अगली सुनवाई तक रोक लगाई है।

मालूम हो मामले की अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी। तबतक कार्बन डेटिंग पर रोक रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई तक हम हालात देखेंगे, उसके बाद फैसला देंगे।

मामले में सावधानी बरतने की जरुरत

मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में मस्जिद पक्ष के वकील हुजैफा अहमदी ने कहा कि हमें हाई कोर्ट में अपना पक्ष रखने का पूरा मौका नही मिला। मामले को संवेदनशील बताते हुए CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अगली सुनवाई में पहले हम परिस्थिति को देखेंगे। हमें इस मामले में बेहद सावधानी से डील करना होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और यूपी सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा कि बताएं कि क्या इससे कोई समस्या होगी। वहीं इससे पहले मुस्लिम पक्ष के वकील हुजैफा ने कहा कि हमारा पक्ष सही से सुना नहीं गया ऐसे में कार्बन डेटिंग पर रोक लगाई जाए।

क्या है कार्बन डेटिंग का मकसद

दरअसल कार्बन डेटिंग के जरिए मस्जिद परिसर में मिले ‘शिवलिंग’ की उम्र का पता लगा जाएगा। ASI का कहना है कि शिवलिंग को बिना नुकसान पहुंचाए साइंटिफिक सर्वे किया जा सकता है। इस सर्वे से पता लगाने की कोशिश होगी कि मस्जिद परिसर में मिली शिवलिंग की आकृति क्या मस्जिद के निर्माण के पहले की है या निर्माण के दौरान ही बनाई गई।

वहीं हिंदू पक्ष के वकील ने अदालत से पूरे परिसर और मस्जिद की पश्चिमी दीवार की जांच की मांग की थी। इसपर मुस्लिम पक्ष के वकील का तर्क था कि ASI की रिपोर्ट मांगना मामले को आगे टालने जैसा है। इसकी मांग देरी करने के लिए हो रही है। सभी चीजों के पुराने सबूत उपलब्ध हैं तो उसकी जांच की क्या आवश्यकता है?

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Vipin Srivastava
Vipin Srivastava
journalist, writer @jankibaat1

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