राजस्थान में अपनी रैलियों की शुरुआत पीएम मोदी ने पुष्कर से की है। यहां उन्होंने 15 मिनट तक पूजा-अर्चना की। इसके बाद पीएम मोदी ने अजमेर में रैली की। पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान राजीव गांधी के उस भाषण का भी जिक्र किया जिसमें कि उन्होंने कहा था कि अगर सरकार 1 रुपया भेजती है तो नागरिक तक 85 पैसा भेजता है। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस की 85 फीसदी कमीशनखोरी की आदत पुरानी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी बुधवार को राजस्थान के अजमेर जिले के दौरे पर पहुंचे हैं। वो राजस्थान के पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर भी पहुंचे। ब्रह्मा मंदिर में पीएम मोदी ने पूजा-अर्चना की। यह भगवान ब्रह्मा का इकलौता मंदिर है। भाजपा सरकार के 9 साल पूरे होने के मौके पर पीएम मोदी कई शहरों में रैलियां कर अपने कामकाज को गिनाएंगे। राजस्थान में अपनी रैलियों की शुरुआत पीएम मोदी ने पुष्कर से की। इसके बाद पीएम अजमेर में अपनी रैली के लिए निकले।
अजमेर में रैली के दौरान राजस्थान भाजपा के प्रमुख सीपी जोशी ने पीएम मोदी का साफा पहनाकर स्वागत किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान देवी अहिल्याबाई होल्कर को भी श्रद्धांजलि दी। इसके बाद पीएम मोदी ने अपने 9 सालों के कामों को गिनाते हुए विपक्ष पर भी हमला बोला।
पीएम मोदी ने कहा कि देश में 2014 से पहले की स्थिति से आप सभी अवगत हैं। पहले बढ़े शहरों में आए दिन हमले होते थे। महिलाओं पर खूब अत्याचार होते थे। प्रधानमंत्री के ऊपर भी शासक थे। पहले निर्णय नहीं होते थे और नीतियां चौपट थीं.
उन्होंने कहा देश की हर सफलता के पीछे भारत के लोगों की मेहनत है, भारत के लोगों का पसीना है। ये भारत के लोग ही हैं जिन्होंने महामारी के बाद देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई पर पहुंचाया है। ये भारत के लोग ही हैं, जिनकी वजह से आज दुनिया कह रही है कि ये दशक भारत का दशक है, ये सदी भारत की सदी है।
पीएम ने कहा कांग्रेस ने वीरों के साथ भी हमेशा धोखा किया है। ये कांग्रेस ही है जो ‘वन रैंक वन पेंशन’ के नाम पर हमारे पूर्व सैनिकों से विश्वासघात करती रही। भाजपा सरकार ने ना सिर्फ वन रैंक वन पेंशन को लागू किया बल्कि पूर्व सैनिकों को एरियर भी दिया।
बताते चलें कि राजस्थान की राजधानी वैसे तो जयपुर है, लेकिन इसका दिल तो अजमेर ही कहलाता है। अजमेर अपने दिलचस्प इतिहास के कारण आकर्षण का केंद्र बना रहता है। राजा अजय पाल चौहान ने 7वीं शताब्दी में अजयमेरू की स्थापना की थी। वहीं, चौहानों ने 1193 ई. तक यहां पर शासन किया था। उसके बाद इसका नाम पहले अजयमेर रखा गया था और फिर बाद में इसे बदलाकर अजमेर रख दिया गया था। अजमेर के बारे में यह भी रोचक है कि ऐसा माना जाता है कि अजमेर को दो राजाओं के द्वारा स्थापित किया गया था।