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ओडिशा ट्रेन हादसे में बचाव के लिए तैनात कर्मियों के सामने हैं कई चुनौतियां, गर्मी भी ढा रही है कहर

ओडिशा में हुए रेल हादसे को लेकर रात से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। अब तक 280 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। शनिवार सुबह सामने आया कि ट्रेन के डिब्बों के मलबे में अभी भी कई शव फंसे हुए हैं। बचाव अभियान में सेना भी शामिल हो गई है। मृतकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

बचाव टिम को बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। मलबे में तब्दील ट्रेन के डिब्बे। जगह-जगह यात्रियों के बिखरे सामान। कहीं किसी का चप्पल पड़ा है तो कहीं किसी का पर्स। जगह-जगह पटरियां खून से लाल हैं। मंजर बहुत भयावह है। ट्रेन की पटरियों के बगल में कतार से लाशें पड़ी हैं। ये उन यात्रियों की हैं जिन्हें मंजिल के बजाय मौत मिली। रातभर रेस्क्यू ऑपरेशन चला। हर तरफ चीख-पुकार मचा हुआ था। वो चीखें सुबह शांत हो चुकी हैं। उसकी जगह है मौत का सन्नाटा। ट्रेनों के मलबों में सुबह भी कुछ लाशें सुबह भी फंसी दिखीं। कुछ जगह मानव अंग फंसे दिखे। राहत और बचाव का काम अब पूरा हो चुका है। अब पटरियों से मलबा हटाने का काम चल रहा है।

रातभर चीखपुकार मची रही। सामने आया कि ट्रेन के डिब्बों के मलबे में अभी भी कई शव फंसे हुए हैं। कोरोमंडल एक्सप्रेस के कई एसी कोच अगले ट्रैक पर पलट गए थे, लिहाजा इसमें मौतों के आंकड़े सबसे अधिक हैं। एनडीआरएफ को बोगियों के बीच चिपके शवों को निकालने के लिए गैस कटर का इस्तेमाल करना पड़ा तो वहीं, कई घायल ऐसे भी हैं जो क्षतिग्रस्त बोगियों में फंसे हुए हैं।

केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ”ये बड़ा हादसा है। सभी दिवंगत आत्माओं के साथ हमारी प्रार्थनाएं हैं। शुक्रवार रात से लगातार रेलवे, एनडीआरएफ, राज्य सरकार मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन कर रहे हैं।”

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Chandan Kumar Pandey
Chandan Kumar Pandeyhttp://jankibaat.com
Chandan Pandey has 5 year+ experience in journalism field. Visit his twitter account @Realchandan21

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