एनसीबी के पूर्व जोनल कमिश्नर समीर वानखेड़े को कोर्ट से फिर राहत मिली है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने आर्यन खान ड्रग केस से जुड़े उगाही और रिश्वत के एक मामले में एनसीबी यानी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के मुंबई जोन के पूर्व निदेशक समीर वानखेडे की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक की अवधि को 23 जून तक के लिए बढ़ा दिया। बता दें कि समीर वानखेडे के खिलाफ यह मामला केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दर्ज किया है। वहीं, समीर वानखेडे ने बृहस्पतिवार को बंबई उच्च न्यायालय में कहा कि क्रूज से मादक पदार्थ की जब्ती मामले में बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को ‘क्लीन चिट’ देना और उनके खिलाफ मौजूद सबूतों को दबाना एनसीबी की विशेष जांच टीम (एसईटी) का अंतिम मकसद था।
सीबीआई का मामला यह है कि वानखेड़े और चार अन्य आरोपियों ने अक्टूबर 2021 में एक क्रूज जहाज से ड्रग्स की कथित जब्ती के बाद अपने बेटे आर्यन खान को फंसाने के लिए अभिनेता शाहरुख खान से 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी।
न्यायमूर्ति ए एस गडकरी और न्यायमूर्ति एस जी दिगे की खंडपीठ ने कहा कि वह इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी को रद्द करने की वानखेड़े की याचिका पर 23 जून को सुनवाई करेगी।
वानखेडे ने अपने प्रत्युत्तर हलफनामे में दावा किया कि एसईटी ने “ईमानदार अधिकारियों के करियर और चरित्र को नुकसान पहुंचाने के लिए तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया और झूठे आरोप लगाए।”
हलफनामे में यह भी दावा किया गया है कि एसईटी ने कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए भौतिक जानकारी और सबूतों को दबाकर आर्यन खान को ‘क्लीन चिट’ दी। वानखेडे ने रिश्वतखोरी और जबरन वसूली के आरोप में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने के अनुरोध वाली याचिका में प्रत्युत्तर हलफनामा दाखिल किया।