प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के मध्यम वर्ग को मजबूत करने और उनके अवसरों का विस्तार करने वाली पहलों के बारे में लेख, ग्राफिक्स, वीडियो और जानकारी साझा की थी।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा बताया था कि “मध्यम वर्ग विकास और नवाचार को संचालित करने में अग्रणी है। उनकी कड़ी मेहनत नए भारत की भावना को परिभाषित करती है। हमारी सरकार ने मध्यम वर्ग के लाभ के लिए व्यापक स्तर पर ‘ईज ऑफ लिविंग’ की दिशा में निरंतर कार्य किया है।
बीते 9 साल में मोदी सरकार के कार्यकाल में मध्यम वर्ग के लोगों के जीवन में सुधार लाने के उद्देश्य से कई कार्य किए गए हैं। कई नीतियों और पहलों के माध्यम से, सरकार ने जीवन स्तर को ऊपर उठाने, फाइनेंशियल सेक्योरिटी बढ़ाने और मध्यम वर्ग के विकास के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने का प्रयास किया है।
बजट को लेकर पीएम मोदी ने कहा था कि ये अमृत काल का पहला बजट विकसित भारत के विराट संकल्प को पूरा करने के लिए एक मजबूत नींव का निर्माण करेगा। उन्होंने कहा, “ये बजट वंचितों को वरीयता देता है. ये बजट आज की आकांक्षी समाज, गांव, गरीब, किसान, मध्यम वर्ग सभी के सपनों को पूरा करेगा।”
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मध्यम वर्ग को सरकारी योजनाओं का काफी फायदा हुआ है। इन योजनाओं में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (पीएम किसान योजना), फाइनेंशियल इंक्लूजन एजेंडा (जन धन योजना), एलपीजी सब्सिडी, किफायती आवास, बड़े पैमाने पर शौचालयों का निर्माण, माइक्रो-हेल्थ इंश्योरेंस और माइक्रो-पेंशन योजनाएं शामिल हैं. इस वर्ग को सर्विस सेक्टर विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में अस्थायी रोजगार के विस्तार से भी लाभ हुआ है।
‘संपन्न मध्य वर्ग’ को आमतौर पर फाइनेंशियल स्टेट, बैंक डिपॉजिट और अचल संपत्ति रखने वालों से पहचाना जाता है। यह वर्ग डॉक्टर, वकील, अकाउंटेंड जैसे पेशेवरों से बना होता है। इसमें मिडिल और अपर-मैनेजमेंट रोल वाले लोग होते हैं। इस वर्ग ने व्यापक रूप से रियल एस्टेट और शेयरों की बढ़ी कीमतों से फायदा उठाया है।
मध्यम श्रेणी में शामिल छोटे व्यवसाय के मालिकों को जीएसटी के कार्यान्वयन और बड़ी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा के मुद्दों के कारण कुछ असुविधाओं का सामना करना पड़ा है। लेकिन, डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से बढ़ते बाजारों तक पहुंच से लाभ हुआ है। कोविड के दौरान हाल के दिनों में सरकार की ओर से गारंटीकृत बैंक कर्ज से भी इन्हें फायदा पहुंचा है। संपन्न मध्यम वर्ग का उदय विदेश और घरेलू यात्रा में बढ़ोतरी, अमेरिका, यूरोप, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में विदेशी विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों की अधिक संख्या और गैर-जरूरी वस्तुओं पर खर्च में वृद्धि के साथ हुआ है।