यूपी के गाजियाबाद में ऑनलाइन गेमिंग एप के जरिए धर्म परिवर्तन करवाने वाले आरोपी शाहनवाज को पुलिस ने महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले से गिरफ्तार किया गया है। ठाणे पुलिस को जानकारी मिली थी कि शाहनवाज ने नया सिम कार्ड लिया है और वो उसी का इस्तेमाल कर रहा है। ठाणे पुलिस के मुताबिक 31 मई की रात से फरार होने के बाद शाहनवाज हर जगह अपना नाम और पहचान छिपाकर रह रहा था।
इससे पहले धर्मांतरण रैकेट से ही जुड़े गाजियाबाद की एक मस्जिद के मौलवी अब्दुल रहमान को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि पूछताछ में अब्दुल रहमान ने बच्चों के धर्मांतरण की बात कबूल की है।
ठाणे पुलिस ने जैसे ही नए सिम कार्ड की जानकारी निकाली, जिसमें शाहनवाज की लोकेशन रायगढ़ के अलीबाग इलाके की निकली। इसके बाद ठाणे पुलिस की दो टीमें 10 जून की रात को अलीबाग के लिए रवाना हुईं। जिसके बाद 11 जून की तड़के सुबह 3 बजे से लेकर सुबह 11.30 बजे तक ठाणे पुलिस ने अलीबाग के कई लॉज और कॉटेज को खंगाला। इसी दौरान शाहनवाज और उसका भाई उनके हत्थे चढ़ गया, जो नाम बदलकर लॉज में रह रहा था। इतना ही नहीं उन्होंने लॉज में रहने के लिए फर्जी दस्तावेज दिखाकर कमरा लिया था।
वर्ली इलाके में जब ठाणे पुलिस ने उसकी लोकेशन ट्रेस की थी, तब भी उसको भनक लग गई थी और पुलिस के पहुंचने से पहले ही शाहनवाज फरार हो गया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपी शाहनवाज ने पूछताछ में बताया कि एफआईआर दर्ज होने के बाद से वह बेहद डर गया था, इसी डर के चलते वह 31 मई की रात को ही फरार हो गया था। इतना ही नहीं उसे उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर की जानकारी मिल चुकी थी। आरोपी को सोमवार को ठाणे कोर्ट में पेश किया गया है।
दरअसल, ऑनलाइन गेम में बेहतर स्कोर की तरकीब बताने के बहाने आरोपी लड़के के संपर्क में आया, उसके बाद उसकी गतिविधियां बदलने लगीं। बच्चे का ब्रेन कुछ तरह से वॉश किया कि वह जिम के बहाने रोज पांच वक्त की नमाज पढ़ने जाने लगा। इस बात की जानकारी जब परिवार को हुई तो उन्होंने स्थानीय मस्जिद के मौलवी समेत दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया।