सुशांत सिंह राजपूत ने आज से ठीक 3 साल पहले 14 जून, 2020 के दिन दुनिया को अलविदा कह दिया था। उनके निधन के बाद बॉलीवुड इंडस्ट्री में नेपोटिज्म को लेकर बहस शुरू हो गई थी। सीबीआई से लेकर ईडी और नारकोटिक्स की टीम तक, सभी ने अभिनेता की मौत की जांच की थी। लेकिन आज भी सीबीआई जांच ही कर रही है, हाथ कुछ आया या नहीं किसी को पता नहीं।
आज भी लोगों का दिल ये मानने को तैयार नहीं है कि सुशांत जैसे इंटेलिजेंट और टैलेंटेड इंसान ने सुसाइड किया था। आखिर सुशांत को उनकी 50 ख्वाहिशें भी तो पूरी करनी थी जिन्हें उन्होंने अपने बकेट लिस्ट में डाला था। जी हां सुशांत सिंह राजपूत ने अपनी 50 ख्वाहिशों की एक लंबी फेहरिस्त शेयर की थी जिसे वो अपने आप 50 ड्रीम्स कहा करते थे। इस फेहरिस्त में से कई ख्वाहिशें अधूरी रह गई जिन्हें पढ़कर आपकी आंखों से भी आंसू निकल पड़ेंगे।
फिल्म ‘काई पो चे’ से फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने वाले सुशांत ने कई बड़े सपने देखे थे। उनके बहुत से सपने अधूरे रह गए। धोनी की बायोपिक ने सुशांत को एक नई पहचान दी थी। ‘छिछोरे’ और ‘केदारनाथ’ जैसी फिल्मों को भी फैंस ने काफी पसंद किया। आखिरी बार सुशांत फिल्म ‘दिल बेचारा’ में नजर आए थे, जो उनके मरणोपरांत रिलीज हुई थी।
बताते चलें कि तीन सालों में शायद ही कोई ऐसा दिन हो, जब एक्टर के चाहने वालों ने उन्हें याद ना किया हो। एक्टर के मुंबई वाले अपार्टमेंट में उनका शव पंखे से लटका मिला था। शुरुआत में उनकी मौत को सुसाइड माना गया था, लेकिन एक्टर ने पिता केके सिंह इसे मर्डर बताया था और एफआईआर भी दर्ज करवाई थी। हर रोज कहीं ना कहीं सोशल मीडिया पर SSR छाए रहते हैं।
देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में 3 साल बाद ही खाली हाथ ही है। बिहार के डीजीपी रहे गुप्तेश्वर पांडे ने तो मुंबई पुलिस के खिलाफ मोर्चा ही खोल दिया था।
शुरुआत में सीबीआई ने इस मामले की जांच करते हुए सुशांत की गर्लफ्रेंड रही रिया चक्रवर्ती उसके भाई शोभित चक्रवर्ती इसके अलावा सुशांत के कुछ दोस्त और उनके नौकरों से भी पूछताछ की थी। कई हफ्ते तक चली CBI की पूछताछ में एजेंसी के हाथ कोई ऐसा सुराग हासिल हाथ नहीं लगा जिससे कि यह साफ हो सके की सुशांत सिंह राजपूत की हत्या हुई थी या फिर उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाया गया था।
ऐसे में देश की सबसे बड़ी सुरक्षा एजेंसी CBI को अब लोग शक की निगाह से देख रहे हैं। जो CBI पलक झपकते ही इस तरह के मामलों को सुलझा लेती थी अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार सुशांत सिंह राजपूत के केस में सीबीआई के हाथ दो साल बाद भी खाली क्यों हैं।