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हिंदू बनकर ओला कैब ड्राइवर छुपा रहा था पहचान, असली नाम था मोहम्मद गुलफाम, प्रदीप भंडारी ने बताया अपना अनुभव

जन की बात के संस्थापक और सीईओ प्रदीप भंडारी ने देश की राजधानी दिल्ली में ओला एप से अपनी कैब बुक की। कैब बुक करते वक्त ऐप ने ड्राइवर का नाम विक्रम सिंह बताया।

जब प्रदीप भंडारी अपनी कैब में बैठे तो उन्होंने OTP देते समय कैब ड्राइवर से उसका नाम पूछा तो उसने भी अपना नाम विक्रम सिंह ही बताया। लेकिन सवारी पूरी होने के बाद जब प्रदीप भंडारी उसे डिजिटल माध्यम से पेमेंट करने लगते है तो उसका नाम मोहम्मद गुलफाम निकलता हैं। जब प्रदीप ड्राइवर से नाम छुपाने की वजह पूछते है तो वो इसका जवाब नहीं दे पाता और चुप हो जाता है।

प्रदीप भंडारी ने उठाया सवाल- क्या है पहचान छुपाने की वजह?

प्रदीप भंडारी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर में ओला कैब कंपनी को टैग करते हुए कहा कि, मैंने दिल्ली में एक ओला बुक किया। ऐप ने ड्राइवर का नाम विक्रम सिंह बताया। मैं गाड़ी में बैठ गया, और मैंने ड्राइवर से उसका नाम पूछा, उसने कहा – ‘विक्रम सिंह’। सवारी पूरी हो जाती है और ड्राइवर मोहम्मद गुलफाम निकला। जब मैंने उससे पूछा कि उसने मुझसे झूठ क्यों बोला? वह अवाक था! वह अपनी पहचान क्यों छुपा रहा है? यह संदिग्ध है।

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