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महिलाओं को लेकर तेलंगाना के गृह मंत्री का आपत्तिजनक बयान, बोले यूरोपीय लोगों की तरह कपड़े पहनने से बचना चाहिए

तेलंगाना के गृह मंत्री महमूद अली ने सार्वजनिक माहौल में महिलाओं को तरजीह देने वाले संगठन पर टिप्पणी कर विवाद खड़ा कर दिया। मंत्री अली ने केवी रंगा रेड्डी कॉलेज में हिजाब में मुस्लिम छात्रों को परीक्षा में प्रवेश देने से मना करने की खबरों का जवाब देते हुए टिप्पणी की.

बीआरएस मंत्री ने कहा, “‘हमारी पॉलिसी बिल्कुल सेक्युलर है. आप जो चाहें पहन सकती हैं लेकिन यूरोपीय लोगों की तरह कपड़े न पहने, इससे हालात खराब हो सकते हैं. इस्लाम को मानने वाली महिलाएं धर्म के मुताबिक कपड़े पहने. हिंदू धर्म को मानने वाली महिलाएं अपने सिर को पल्लू से ढके. महिलाओं के कम कपड़े पहनने से परेशानी पैदा होती हैं, वहीं महिलाएं जब पूरे कपड़े पहनती हैं तो लोग सुकून महसूस करते हैं.’

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तेलंगाना के गृह मंत्री ने ये बात उस घटना पर जवाब देते हुए कही, जिसमें हैदराबाद के एक कॉलेज ने छात्राओं से परीक्षा देने से पहले बुर्का उतारने को कहा था.

दरअसल, शुक्रवार को हैदराबाद के केवी रंगा रेड्डी डिग्री कॉलेज फॉर वूमेन परीक्षा केंद्र पहुंचीं छात्राओं ने आरोप लगाया कि स्टाफ ने बुर्का पहनकर उन्हें परीक्षा में बैठने से मना कर दिया. मुस्लिम छात्राओं ने ये भी कहा कि परीक्षा में बैठने से पहले उन्हें इंतजार करना पड़ा. इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक एक स्टूडेंट ने कहा,

‘कॉलेज प्रशासन ने हमें बुर्का नहीं पहनने की हिदायत दी है. लेकिन, यह परीक्षा नियमों के खिलाफ है. हमारे माता-पिता ने इस मामले की शिकायत गृह मंत्री महमूद अली से की. जिसको लेकर उन्होंने कहा कि बुर्का वाली छात्राओं को सेंटर में नहीं आने देना सही नहीं है.’

स्टूडेंट्स का आरोप है कि सेंटर के स्टाफ ने छात्राओं को करीब आधे घंटे तक परीक्षा हॉल में जाने से रोक दिया गया. इस फैसले को लेकर वहां मौजूद स्टूडेंट्स और उनके अभिभावकों ने अपना गुस्सा भी जाहिर किया. लेकिन बाद में स्टूडेंट्स को अपना बुर्का उतारना पड़ा और इसके बाद ही उन्हें परीक्षा हॉल में जाने की अनुमति मिली.

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Vipin Srivastava
Vipin Srivastava
journalist, writer @jankibaat1

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