मणिपुर में हिंसा की घटनाएं कम होने की बजाय लगातार बढ़ती जा रही हैं। हिंसा और आगजनी की इन घटनाओं के बीच बीजेपी नेताओं के घरों और ऑफिस को निशाना बनाया गया है। मणिपुर में केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के आवास को गुस्साई भीड़ को आग के हवाले के किए जाने के अगले ही दिन बीजेपी के कई ऑफिस में तोड़फोड़ की खबर सामने आई।
कुकी समुदाय, मुख्य रूप से मणिपुर की पहाड़ियों में रहता है। राज्य के ज्यादातर इलाकों में हिंसा भड़की है। कुकी समुदाय के हजारों सदस्य अपने घरों से विस्थापित हो गए हैं। पहाड़ी इलाकों में उनका रहना मुश्किल हो गया है। अब, कुकी समुदाय ने दावा किया है कि मणिपुर में वर्तमान स्थिति केवल इसलिए पैदा की गई, जिससे कुकी पहाड़ी हिस्सों से हट जाएं।
कुकी समुदाय की मांग है कि अब उन्हें मैतेई समुदाय से अलग रहने दिया जाएगा। राज्य में मैतेई बहुमत में हैं। मैतेई समुदाय, जनजाति का दर्जा मांग रहा है। कुकी का कहना है कि अगर इस समुदाय को जनजाति का दर्जा मिल गया तो उनके लिए सरकारी नौकरियों के अवसर कम हो जाएंगे। पहाड़ों पर जमीन खरीदने का हक उन्हें भी मिल जाएगा। कुकी समुदाय हाशिए पर चला जाएगा। केंद्र की नजर मणिपुर है, राज्य सरकार शांति वार्ता की कोशिशों में जुटी है लेकिन हिंसा थम नहीं रही है।
हालांकि, मणिपुर के मौजूदा ज़मीनी हालात में मैतेई-कुकी समुदाय के लोगों के बीच इस समय विश्वास बहाली का काम सबसे बड़ी चुनौती है।मुख्यमंत्री हिमंत की मणिपुर यात्रा के महज़ तीन दिन बाद मंगलवार देर रात इंफाल ईस्ट में हुई गोलीबारी में 9 लोगों की मौत हुई है। जबकि दर्जनों घायल लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस समय हालात इतने तनावपूर्ण है कि कुकी लोग मैतेई बहुल इंफाल में आने से डर रहे हैं जबकि मैतेई समुदाय के लोग कुकी इलाके में जाने से कतरा रहे हैं।