पीएम नरेंद्र मोदी अपने अमेरिका दौरे के अगले दौर में हैं। वो राजधानी वॉशिंगटन में राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनकी पत्नी जिल बाइडेन के स्टेट गेस्ट हैं। नरेंद्र मोदी से पहले पीएम मनमोहन सिंह को साल 2009 और राष्ट्रपति रहे सर्वपल्ली राधाकृष्णन को अमेरिका ने साल 1961 में स्टेट गेस्ट का ओहदा दिया था।
स्टेट गेस्ट के दौरे का सारा खर्च अमेरिका ही उठाता है। मोदी का दौरा व्यस्तता भरा है। इस व्यस्तता के बीच मोदी की जिल बाइडेन से मुलाकात हुई। मोदी और जिल बाइडेन वर्जीनिया में नेशनल साइंस फाउंडेशन यानी एनएसएफ गए। वहां पीएम नरेंद्र मोदी ने भारतीय और अमेरिका के छात्रों को संबोधित किया।
छात्रों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत का फोकस शिक्षा, कौशल और इनोवेशन पर है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य इस दशक को तकनीकी का दशक बनाने पर है। मोदी ने छात्रों को बताया कि भारत सरकार ने स्टार्टअप इंडिया मिशन शुरू किया। युवा उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए स्टार्टअप की शुरुआत की गई।
पीएम मोदी ने कहा कि एक तरफ अमेरिका के पास दुनिया के मशहूर शैक्षिक संस्थान हैं। वहीं भारत के पास सबसे ज्यादा युवा हैं। उन्होंने कहा कि इस वजह से विकास के लिए भारत और अमेरिका के बीच सहयोग बहुत जरूरी है। आगे पीएम मोदी ने कहा कि विकास दर को बनाए रखने के लिए भारत और अमेरिका को अपने और एक-दूसरे के यहां प्रतिभाओं को बढ़ावा देने की सख्त जरूरत है।
मोदी ने इसके बाद जनरल इलेक्ट्रिक के चेयरमैन और सीईओ एच. लॉरेंस कल्प जूनियर समेत कई दिग्गजों से मुलाकात भी की। जनरल इलेक्ट्रिक से ही भारत खतरनाक एमक्यू9 बी हथियारबंद ड्रोन का समझौता करने वाला है। माइक्रॉन टेक्नोलॉजी के अध्यक्ष संजय मेहरोत्रा भी मोदी से मिले। मेहरोत्रा ने कहा कि मोदी के शासन में भारत की तरक्की से वो बहुत प्रभावित हैं।