14 जून 2020 को देश के उभरते हुए फ़िल्म स्टार सुशांत सिंह राजपूत की मौत हो गई थी। पहले दिन से ही महाराष्ट्र पुलिस और तत्कालीन महाराष्ट्र सरकार ने सुशांत सिंह राजपूत के मौत को आत्महत्या साबित करने में लग गई थी। उस समय सुशांत सिंह राजपूत के पोस्टमार्टम पर भी कई सवाल उठे थे।
जन की बात के फाउंडर प्रदीप भंडारी उस समय रिपब्लिक न्यूज़ नेटवर्क में बतौर कंसल्टिंग एडिटर जुड़े हुए थे। उन्होंने पहले दिन से ही कहा था कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत आत्महत्या नहीं बल्कि एक मर्डर है। मगर उस समय तमाम लिबरल लोगों ने आत्महत्या मान लिया था। मगर प्रदीप भंडारी लगातर आवाज उठाते रहें और उसके बाद सुशांत सिंह राजपूत के पिता ने पटना में सुशांत सिंह राजपूत के मर्डर होने का FIR कराया।
संस्कृति की रक्षा ही राष्ट्र की रक्षा है।
Honored to receive the ' सांस्कृतिक योद्धा पुरुस्कार 2023' at the hands of Honorable @CMOfficeUP @myogiadityanath ji, & Former LS speaker Sumitra Mahajan ji( ताई). Yogi Ji's presence & speech at the award ceremony enthused the young… pic.twitter.com/Szdqfa6j7o
— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी)🇮🇳 (@pradip103) June 25, 2023
पटना पुलिस जब अपनी जांच करने मुंबई आई थी तो उस समय मुंबई पुलिस ने पटना पुलिस को जांच में बिल्कुल सहयोग नहीं किया था और इस मुद्दे को भी पटना पुलिस ने जोरदार तरीक़े से उठाया था और ये प्रदीप भंडारी के ही मुहिम का असर था कि कई लोग और उनके इस मुहिम से जुड़ते गए। सुशांत सिंह राजपूत का केस CBI को दिए जाने में भी प्रदीप भंडारी के मुहिम का काफी बड़ा असर रहा है।
राष्ट्रवादी पत्रकार प्रदीप भंडारी के इस मुहिम में कई बाधाएं आई, कई लोगों ने उनको डिगाने की कोशिश की मगर प्रदीप भंडारी डटे रहे और आज भी प्रदीप भंडारी लगातार इस मुहिम से जुड़े हुए हैं और इसका प्रमाण के है कि प्रदीप भंडारी को ही सुशांत सिंह राजपूत की बहन प्रियंका सिंह ने सबसे पहले अपना इंटरव्यू दिया था।
प्रदीप भंडारी के मुहिम का ही असर था कि बॉलीवुड में ड्रग माफियाओं का भंडाफोड़ हुआ। प्रदीप भंडारी ने लगातार बॉलीवुड में ड्रग कल्चर पर बात की और इसी मुहिम के कारण NCB ने जांच शुरू की और रिया चक्रवर्ती और उसके भाई को जेल जाना पड़ा था।
आज जन की बात के फाउंडर प्रदीप भंडारी को “सेव कल्चर, सेव इंडिया फाउंडेशन” द्वारा सांस्कृतिक योद्धा पुरस्कार से नवाजा गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनको यह अवार्ड दिया है। प्रदीप भंडारी को ये पुरस्कार सुशांत सिंह राजपूत के मौत के मामले में बेबाक रिपोर्टिंग और बॉलीवुड में ड्रग कल्चर के खिलाफ आवाज उठाने के लिए दिया गया है।