सोमवार 26 जून को ग्रह मंत्री अमित शाह ने ड्रग्स फ्री इंडिया के तहत एक बयान जारी कर ड्रग्स के धंधे में लिप्त लोगों को कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने कहा की हमारा संकल्प है की न हम भारत में ड्रग्स का व्यापार होने देंगे और न ही भारत से किसी अन्य देश में नशीले पदार्थ जाने देंगे।
अमित शाह ने अपने बयान में कहा “आज 26 जून को नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ, अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर मैं ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हमारी सभी एजेंसियों को मन से बहुत बधाई देना चाहता हूं। ये बहुत हर्ष की बात है की नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो इस बार भी राष्ट्रीय स्तर पर नशा मुक्त पखवाड़ा आयोजित कर रहा है”
पीएम के मार्गदर्शन में ड्रग्स के खिलाफ जीरो टॉलरेंस
गृह मंत्री ने कहा “पीएम मोदी के मार्गदर्शन में ग्रह मंत्रालय ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। और आज इसके सफल परिणाम दिखने लगे हैं। इस नीति का मुख्य उद्देश्य है मोदी सरकार का व्होल ऑफ गवर्नमेंट अप्रोच। जिसमे अलग अलग विभागों के समन्वय से नीति और प्रभावी बनती है” उन्होंने ये भी कहा की “पिछले कुछ वर्षों में, गृह मंत्रालय ने प्रधानमंत्री के ‘नशा-मुक्त भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए पूरी रणनीति को नया रूप दिया है…, मैं एनसीबी और अन्य संगठनों की उनके अथक प्रयासों के लिए सराहना करता हूं”
ड्रग्स फ्री इंडिया हमारा संकल्प
गृह मंत्री ने आगे कहा की “हमारा संकल्प है की हम भारत में नारकोटिक्स का व्यापार नहीं होने देंगे। और न ही भारत के माध्यम से ड्रग्स को किसी और देश में जाने देंगे। ड्रग्स के खिलाफ देश की प्रमुख एजेंसियां, विशेषकर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो निरंतर अपनी जंग जारी रखे हुए है” उन्होंने कहा “इस अभियान को सशक्त करने के लिए गृह मंत्रालय ने 2019 में NCORD की स्थापना की, एवं है राज्य की पुलिस में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया गया है। जिसका पहला राष्ट्रीय सम्मेलन अप्रैल 2023 में हुआ”
ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई का असर दिखा
केंद्रीय गृह मंत्री ने आगे कहा की “ड्रग्स के दुरुपयोग के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर उपयुक्त मंच के माध्यम से युद्ध स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। ड्रग्स के विरुद्ध हमारी इस व्यापक लड़ाई और समन्वय का ही असर है की जहां 2013 में मात्र 768 करोड़ रुपए की ड्रग्स बरामद हुई थी, तो वहीं 2014 से 2022 में 22000 करोड़ की ड्रग्स जब्त की गई है।और नशे के व्यापार करने वाले लोगों पर कार्रवाई पहले की तुलना में 181 प्रतिशत अधिक मामले दर्ज किए गए हैं”