प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पांच वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने रानी कमलापति स्टेशन से भोपाल से जबलपुर और भोपाल से इंदौर के लिए वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। इसके साथ ही उन्होंने पटना से रांची, धारवाड़ से बेंगलुरु और गोवा (मडगांव) से मुम्बई तक चलने वाली वंदेभारत ट्रेनों का वर्चुअल शुभारंभ किया।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की बढ़ती हुई शक्ति और ताकत का लाभ विदेश में रहने वाले प्रवासियों को भी मिल रहा है। बीते नौ सालों में भारत में कनेक्टिविटी के इंफ्रास्ट्रक्चर पर अभूतपूर्व स्पीड से, अभूतपूर्व स्केल से काम किया जा रहा है। देश के पब्लिक ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक सेक्टर का पूरी तरह से कायाकल्प किया जा रहा है। हम भारतीय रेल के स्वर्णिम युग की तरफ बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही भारत में अब तक कुल 24 वंदे भारत ट्रेन चल रही हैं।
वंदे भारत एक्सप्रेस में ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली- कवच सहित उन्नत अत्याधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से लैस है. हर कोच में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और आपात स्थिति में यात्री चालकों से बात कर सकते हैं।
पीएम मोदी ने कहा वंदे भारत एक्सप्रेस को ट्रेन 18 के रूप में भी जाना जाता है और यह स्वदेशी रूप से डिजाइन की गई ट्रेन है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह एक अनोखी ट्रेन है जो भारतीय रेलवे के लिए यात्रा तकनीक में एक नए युग को चिह्नित करेगी। वंदे भारत एक्सप्रेस पूरी तरह से भारत में निर्मित है और भारत की पहली सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन है।
वंदे भारत एक्सप्रेस या ट्रेन 18 भारत की पहली इंजन रहित ट्रेन है। अब तक भारत की ट्रेनों में एक अलग इंजन कोच होता है जबकि ट्रेन 18 में बुलेट या मेट्रो ट्रेन जैसे एकीकृत इंजन हैं। ट्रेन में 16 पूरी तरह से वातानुकूलित चेयर कारों के कोच हैं जिनमें दो यात्रियों के बैठने के विकल्प दिए गए है। इकॉनमी और एग्जीक्यूटिव क्लास। कमाल की विशेषता यह है कि एग्जीक्यूटिव क्लास में रिवॉल्विंग चेयर दी गई है जो 180 डिग्री तक मुड़ सकती है। वंदे भारत एक्सप्रेस में प्रदान की जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण सुविधाओं में से एक यह है कि इसके दरवाजे मेट्रो की भांति ही आटोमेटिक खुलते हैं।