प्रदीप भंडारी ने दिल्ली में बने दो पाकिस्तानी हिंदुओं के शरणार्थी कैंपों का दौरा किया। इस दौरान प्रदीप भंडारी ने उनकी व्यथा समझने का प्रयास किया और यह जानने की कोशिश की कि आखिर में किन हालातों में वे जी रहे हैं। इस दौरान पाकिस्तानी हिंदुओं ने खुलकर प्रदीप भंडारी से बात की।
पाकिस्तानी हिंदुओं के लिए Humanitarian Aid International hai नाम का एनजीओ पिछले 5 वर्षों से निरंतर काम कर रहा है। एनजीओ के संस्थापक सुधांशु शेखर सिंह हैं और सुधीर कुमार इसके बोर्ड मेंबर है। सुधीर कुमार ने जन की बात से बात करते हुए कहा कि 2016 में हमने अपना एनजीओ खोला था और 2018 में हमने पाकिस्तानी हिंदुओं के लिए काम करना शुरू किया। हमने किसी से भी मांग करके मदद नहीं ली। जब हम पहली बार वहां पर पहुंचे थे तो यहां रह रहे लोगों के पास ना लाइट थी, न टॉयलेट था, लोग खुले में शौच करते थे और यहां तक कि स्ट्रीट लाइट भी नहीं थी, जिससे वहां पर रह रही महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार होता था।
सुधीर कुमार ने बताया कि सबसे पहले हमने वहां पर स्ट्रीट लाइट और इसके बाद हमने सोलर पैनल दिया। इस पैनल में दो बल्ब, एक टेबल फैन और दो एक्साइड की बैटरी थी। 1 पैनल का कॉस्ट ₹12000 था और हमने 225 पैनल बांटे। इसके बाद हमने वहां पर रह रहे बच्चों के लिए पढ़ाई की व्यवस्था की। एक गवर्नमेंट स्कूल से टाइ अप करके उनके लिए एजुकेशन सेंटर खोलें। इस एजुकेशन सेंटर में 48 बच्चों के एक साथ बैठने की व्यवस्था है और यहीं से बच्चे सरकारी स्कूलों में एनरोल हो रहे हैं। कई बच्चों को कॉलेज में भी एडमिशन मिला है।
हमने वहां पर रह रहे लोगों के लिए स्किल डेवलपमेंट सेंटर्स भी खोलें और उन्हें बाल काटने और ब्यूटी पार्लर की ट्रेनिंग भी दी, ताकि वे लोग अपना काम कर सके और दिहाड़ी पर निर्भर ना रहे। इसके अलावा हमने वहां पर रह रहे लोगों के लिए एसी मैकेनिक कोर्स सीखने की भी व्यवस्था की थी, लेकिन लोग सीखने नहीं गए। सुधीर कुमार ने बताया कि वहां पर ज्यादातर लोग दिहाड़ी पर डिपेंड है, लेकिन हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द वो अपना खुद का कोई स्वरोजगार शुरू करें। इसके लिए हमने उनको फाइनेंशियल मदद भी की है।